गो आधारित उत्पाद से बढ़ेगी आमदनी और स्वावलंबन: नीना शर्मा।
परशुरामपुर/बस्ती। प्राचीन समय में कृषि में गोवंश एवं परंपरागत खेती किसानी की तकनीक हमारे जीविका का आधार हुआ करती थी। खेती किसानी में स्वावलंबन था स्वयं सहायता समूह में महिलाओं को स्वावलंबन विकसित कर गो आधारित परंपरागत कृषि गौ उत्पाद आधारित तमाम तरह के प्रशिक्षण के द्वारा आर्थिक रूप से समृद्ध करना इस प्रशिक्षण का मकसद है। उक्त बातें ब्लॉक सभागार में आयोजित गो आधारित परंपरागत कृषि पद्धति एवं गोबर आधारित उत्पाद विषय प्रशिक्षण में नोडल अधिकारी नीना शर्मा निदेशक उत्तर प्रदेश प्रशासन प्रबंधन अकादमी लखनऊ ने कही।

जिलाधिकारी ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी आय बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। जिलाधिकारी ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओ को अपने पास पड़ोस से गोबर इकट्ठा कर गोबर गैस प्लांट लगाकर मीथेन गैस का निर्माण करना चाहिए। इस गैस से उन्हें भोजन पकाने या प्रकाश की व्यवस्था सहज ही उपलब्ध हो जाएगी और गुणवत्ता परक देसी खाद भी प्राप्त होगी। इन खादों के प्रयोग से उनकी खेती में कीटनाशकों एवं रसायनिक उर्वरकों की निर्भरता कम होगी और गुणवत्ता परक अनाज सब्जी उत्पादन कर आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इस मौके पर गन्ना अधिकारी, सीआरओ, डीडीओ, एसडीएम गुलाबचंद के साथ-साथ विकास क्षेत्र के स्वयं सहायता समूह की महिलाएं एवं तमाम प्रधान मौजूद रहे।