जल देवता है और हमारे अंग प्रत्यंग में किसी न किसी रूप में विद्यमान है: गरूण ध्वज पाण्डेय
धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय की रिपोर्ट।
बस्ती। जल देवता है और हमारे अंग प्रत्यंग में किसी न किसी रूप में विद्यमान है। इसके बिना हम एक पल भी नहीं रह सकते। इसलिए हमें भूजल का संरक्षण अपने प्राण की तरह करना चाहिए और यह गौरव भी होना चाहिए कि हम जल देवता के साथ हैं यह सोचकर हमें निर्भय रहना चाहिए। यह बातें योग शिक्षक गरुण ध्वज पाण्डेय ने सुर्तीहट्टा बस्ती में अजय मद्धेशिया के नेतृत्व में आयोजित कोरोना मुक्ति यज्ञ के अवसर पर लोगों को समझाते हुए कही। इस अवसर पर गिरते भूजल स्तर के बारे में बताते हुए शिक्षक अनूप कुमार त्रिपाठी ने कहा कि जल को जीवन कहा गया है इसलिए जीवन की भांति इसकी बचत करनी चाहिए। इस अवसर पर यज्ञ में सम्मिलित उपेन्द्र आर्य ने बताया कि कोरोना के सभी वेरिएंट यज्ञ से निष्प्रभावी हो जाते हैं लेकिन फिर भी हमें कोरोना से बचाव के उपायों को पूरी तरह अपने जीवन में अपनाना चाहिए। इस अवसर पर सत्यभामा मद्धेशिया, ललिता मद्धेशिया, प्रियांशी मद्धेशिया, सक्षम मद्धेशिया, आदर्श मद्धेशिया, अखिलेश त्रिपाठी आदि सम्मिलित रहे।