वीवीआईपी आगमन से क्या शहर की स्वच्छता,स्वास्थ्य और यातायात की समस्याओं का निदान हुआ है ?: डा. राधेश्याम द्विवेदी

Vijaydoot News

बस्ती। बस्ती में विगत 4 सितम्बर को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का एक दिवसीय कार्यक्रम
आयोजित हुआ था। पुलिस लाइन, सर्किट हाउस, सिविल लाइन, सोनूपार रोड का कायाकल्प बहुत दिनों के बाद देखने को मिला। वीवीआईपी विजिट में महामहिम को जितना जिले का अवलोकन करवाया गया उससे ज्यादा शहर के हालातों से रूबरू होने से रोका भी गया क्योंकि ये शहर इस काबिल नहीं था कि इसके हालात महामहिम देखकर प्रशासनिक अमला को बख़्शतीं।

ठीक एक माह के अंतराल में 4 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री का कार्यक्रम लग गया। वीवीआईपी विजिट महामहिम राज्यपाल और सीएम योगी के दौरे को लेकर प्रशासन सतर्क रहा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे को सफल बनाने की जिम्मेदारी का बंटवारा कर जिलाधिकारी द्वारा अनेक सकारात्मक प्रयास किए गए।

कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक कर उन्होंने साफ-सफाई, रास्तों का मरम्मत कराने के लिए पीडब्ल्यूडी और नगरपालिका अधिकारियों को निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग को सुरक्षा और ट्रैफिक नियंत्रण का दायित्व सौंपा। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि छुट्टा पशुओं को गौशालाओं में रखवायें। मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद सर्किट हाउस, महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया। कॉलेज का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री स्टेशन रोड स्थित आर्य समाज के कार्यक्रम में शामिल हुए।

आर्य समाज के प्रधान ओम प्रकाश आर्य ने बताया कि बुधवार 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 4 दिवसीय स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल होने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम का उद्घाटन कर वैदिक धर्म पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में रचितांजली नामक पुस्तक का विमोचन भी शामिल रहा। ओम प्रकाश आर्य ने बताया कि चार दिवसीय कार्यक्रम का समापन 7 अक्टूबर शनिवार को होगा। उन्होंने बताया कि आर्य समाज ने हमेशा से समाज को जागृत किया है। आजादी की लड़ाई या सनातन की रक्षा में आर्य समाज की अहम भूमिका रही है। आर्य समाज की प्रेरणा से 7 लाख 85 क्रांतिकारियों ने बलिदान दिया।

वेद को घर घर तक पहुंचाना है। वेद में हर समस्या का समाधान है इसलिए वेदों की ओर लौटना होगा। वेद के बिना हिन्दू का घर नहीं इसलिए भारत को पहले आर्यवर्त कहा गया। हमें आज एकजुट होकर देश की प्रगति के बारे में सोचना चाहिए। आज देश विश्व गुरु बनने की राह पर अग्रसर है।

वीवीआईपी आगमन के रूट डायवर्जन से समस्या बढ़ती है :-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे को लेकर पुलिस ने बुधवार को रूट डायवर्जन की व्यवस्था की थी। पुलिस प्रशासन ने शहर के लोगों से अपील किया कि वीवीआईपी मूवमेंट में उनका सहयोग करें। रेलवे स्टेशन बस्ती से होटल बालाजी प्रकाश, दक्षिण दरवाजा, सदर अस्पताल, कैली, सोनूपार, डारीडीहां, जेल रोड, चेतक तिराहा, कबीर तिराहा, पुलिस लाइन, शिव मन्दिर, आयुक्त सभागार, सर्किट हाउस रोड सुबह 10 बजे से कार्यक्रम समाप्ति तक सभी प्रकार के वाहन पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिए गए थे।

जिले के राजस्व और पुलिस प्रशासन का पूरा अमला विगत दो दिनों से शहर के कुछ चुनिंदा रूट को अस्थाई रूप से चमकाने में लगे थे। मुख्यमंत्री के आगमन पर दक्षिण दरवाजा पुलिस चौकी से सिर्फ कार्यक्रम स्थल बालाजी प्रकाश होटल तक सड़क बनाई गई। सड़क के किनारे की नालियों को साफ किया गया। नवीन मंडी समिति के अंदर से एक रास्ता कार्यक्रम स्थल होटल तक दिया जा रहा है। जिस रास्ते से आम जनता कार्यक्रम में प्रवेश कर सकेगी। एक हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है।

काश! ऐसे ही वीवीआईपी मूवमेंट होता रहें तो कुछ चुनिंदा ही सही कुछ चमक दिखाई पड़ने ही लगती है। शहर में अनेक नागरिक समस्यायें हैं। एक का निदान हुआ तो कई नई विकराल रूप ले लेती हैं। जिले की हृदय रेखा मालवीय मार्ग से जिले के आला अधिकारी क्यों नहीं अवगत होते हैं? इस पर चलने वाले जाएं तो जाएं कहां? भाजपा और सपा के माननीय कुछ भी खास कर पाने में स्वयं को समर्थ नहीं कर सके हैं।

फंड का रोना रोने वालों को जनपद के आम नागरिकों के स्वास्थ्य सफाई और यातायात समस्याओं के स्थाई निदान की कोई रुपरेखा नहीं दिखाई दे रही है। आधे से ज्यादा शहर में स्वच्छता मानक के अनुरूप नहीं है। सड़कें पैदल भी चलने लायक नहीं हैं। इससे अच्छा ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें देखी जा सकती हैं। महिला नगर पालिका अध्यक्ष अपनी सक्रियता विगत कई कार्यकालों से नहीं दिखा पा रही हैं। जिले में चार नव गठित नगर पंचायतें तो अपने विकास पथ पर चल रही हैं पर नगर पालिका बस्ती अपने बड़े हुए शहर से लगे उन अर्ध शहरी क्षेत्र को ना तो अंगीकार कर पाया और ना ही नागरिक सुविधाएं ही दे पाया। हालत पहले से भी ज्यादा बदतर हो गई है।

जिले में स्वास्थ्य के दो सरकारी केन्द्र बस्ती का जिला सदर अस्पताल और कैली का मेडिकल कॉलेज है।
वीवीआईपी मूवमेंट में ये दोनों वीरान रहे क्योंकि रूट डाईवर्जन के कारण मरीज को प्रशासन वहां फटकने ही नहीं दिया। सब मिलाकर कहीं नागरिक को गुड फील मिल सकता है तो कहीं बैड फील।