
केके मिश्रा संवाददाता।
संत कबीर नगर। मंगलवार को विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर जनपद स्तरीय खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन जूनियर हाई स्कूल खलीलाबाद पर आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में नौ विकास क्षेत्र से 145 बच्चों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जनपद ध्वज को आरोहण कर जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान के उप शिक्षा निदेशक धीरेंद्र त्रिपाठी जी द्वारा किया गया।





कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे धीरेंद्र त्रिपाठी ने अपने उद्बबोधन में बताया कि 3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस मनाया जाता है जिसका उद्देश्य दिव्यांग बच्चों एवं दिव्यांगजनों को समान अवसर प्रदान करते हुए उन्हें सार्वजनिक जीवन से जोड़ना है। कोई भी बच्चा दिव्यांग नहीं है, वह विशिष्ट है। विशिष्ट बच्चों को उनकी विशिष्ट आवश्यकता के अनुसार वर्तमान समय में शिक्षा विभाग द्वारा अनुकूलित पाठ्यक्रम एवं उपस्करण एवं उपकरण के माध्यम से विद्यालयों तक पहुंचा जा रहा है।
विद्यालयों में नोडल टीचर के माध्यम से प्रतिदिन समर्थ ऐप पर इन बच्चों का परीक्षण किया जा रहा है जनपद में कार्यरत 27 स्पेशल एजुकेटर द्वारा इन दिव्यांग बच्चों को तथा नोडल टीचर्स को शैक्षिक समर्थन दिया जा रहा है आवश्यकता है कि अभिभावकों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक बनाया जाए। आभिभावक का अपने बच्चों को सहयोगात्मक रूप से देखें तथा शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ने का प्रयास करें शासन की जो भी मंशा है शासन स्तर से जो भी सहयोग है वह बच्चों एवं उनके विभागों को समिति शिक्षा की टीम के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा।
कार्यक्रम पर चर्चा करते हुए जिला समन्वयक समेकित शिक्षा डॉ रजनीश बैद्यनाथ ने बताया कि आज लगभग 20 से 21 प्रकार के खेलों का आयोजन किया जा रहा है जो विभिन्न दिव्यंगता वाले बच्चों के बीच प्रतिस्पर्धा के रूप में कराई जाएगी। इसमें श्रवण वाधित बच्चों के लिए खेल, मानसिक मंद बच्चों के लिए खेल, आज तक विकलांग बच्चों के लिए खेल एवं दृष्टि बाधित बच्चों के लिए अलग-अलग प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है प्रत्येक बच्चे को प्रतिभा अनुसार उसे पुरस्कृत किया जाएगा तथा साथ ही साथ प्रत्येक प्रतिस्पर्धा में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय को विशेष रूप से पुरस्कृत किया जाएगा।
कार्यक्रम में अतिथियों एवं अभिभावकों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी खलीलाबाद जनार्दन प्रसाद यादव जी ने बताया कि शासन की मंशा के अनुरूप जनपद के प्रत्येक विद्यालय में अनुकूलित माहौल तैयार किया गया है, जहां दिव्यांग बच्चों सामान्य बच्चों के साथ अध्ययन कर रहे हैं। अभिभावकों से अनुरोध है कि वह अपने दिव्यांग बच्चों के बारे में स्पेशल एजुकेटर के माध्यम से विद्यालय को अवगत करावें, ज्यादा से ज्यादा दिव्यांग बच्चों को चिन्हित किया जाए उनका मेडिकल सर्टिफिकेशन कराया जाए तथा बेसिक शिक्षा विभाग में जो योजनाएं चल रही हैं। बालिकाओं को छात्रवृत्ति एवं बच्चों को स्कॉट अलाउंस श्रवण बाधित बच्चों को कारण तथा उनके आवश्यकता अनुसार उपकरण उपकरण प्रदान कर शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाए।
कार्यक्रम में धर्मेंद्र कुमार चौधरी, दुर्गेश यादव , सविता उपाध्याय, अर्चना त्रिपाठी, शंभू प्रसाद, अर्जुन प्रसाद, यतींद्र नाथ आर्य, जगदीश प्रसाद रत्नेश्वर पाठक, आशीष दुबे, शिवशरण शुक्ला, दिलीप यादव प्रमोद उपाध्याय, धर्मराज जनक धारी, बृजेंद्र प्रताप सिंह, पवन कुमार , रंजन चौधरी, तृप्ता सिंह , सविता उपाध्याय सहित समस्त स्पेशल एजुकेटर एवं जिला व्यायाम शिक्षक श्री रमेश कुमार उपस्थित रहे।
ब्रेल लेखन प्रतियोगिता में जगन्नाथ फर्स्ट, अब्दुल कादिर सेकंड, ज्ञान थर्ड। ब्रेल पठान प्रतियोगिता में आकाश प्रथम, आवेश द्वितीय व तमन्ना तृतीया; छूकर पहचानो प्रतियोगिता में अभिनेत्री प्रथम सुमित सेकंड, द्वितीय सुगंधा, तृतीया। बोरा दौड़ प्रतियोगिता में रूपेश प्रथम, द्वितीय आदर्श, तृतीय 6-14 साल की बोरा दौड़ प्रतियोगिता में यश प्रथम आयुष ड्यूटी शिवम तृतीया 100 मीटर बालक श्रवण बाधित प्रतियोगिता में आर्य प्रथम आरिफ प्रथम देवास द्वितीय आदर्श तृतीया श्रवण बाधित बालिका दौड़ प्रतियोगिता में प्रीति प्रथम वंदना द्वितीय नंदिनी तृतीया प्राप्त की।
वहीं सुलेख लेखन प्रतियोगिता में अन्नया यादव प्रथम अमित द्वितीय विधि विश्वकर्मा तृतीया चित्रकला प्रतियोगिता में आदित्य प्रथम संतोष द्वितीय मनीषा तृतीया वास्तविक विकलांग बच्चों की दौड़ में विशाल प्रथम तारा द्वितीय राज तृतीया सुई धागा दौड़ प्रतियोगिता में प्रीति प्रथम गुंजन यादव द्वितीय मीनाक्षी तृतीया गोली चम्मच दौड़ में शाहीन प्रथम गुंजन द्वितीय संगीता तृतीया कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता में अन्नया प्रथम किरण द्वितीय आंचल तृतीया रंगोली प्रतियोगिता में आराध्या पांडे एवं संयोगिता प्रथम शौर्य पटेल एवं सचिन द्वितीय पालक एवं निधि तृतीया सांस्कृतिक कार्यक्रम में पलक प्रथम निष्कर्ष द्वितीय रहे।