लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी में खेत की पैमाइश लटकाए रखने पर एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। वर्तमान में वे अलग-अलग जिलों में तैनात थे। इन तीनों अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।
शासन ने वर्ष 2014 बैच के आईएएस अधिकारी व अपर आयुक्त लखनऊ मंडल धनश्याम सिंह को निलंबित कर दिया है। पीसीएस अधिकारियों में बाराबंकी के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट विधेश सिंह, बुलंदशहर की एसडीएम रेनु को निलंबित किया गया है। इन चारों अधिकारियों ने लखीमपुर खीरी में अपनी तैनाती के दौरान पैमाइश के मामलों में टालमटोल की।
चारों लखीमपुर खीरी में उप जिलाधिकारी के पद पर रहे तैनात:- ये चारों ही अधिकारी अलग-अलग समय पर लखीमपुर खीरी में उप जिलाधिकारी के पद पर तैनात रहे हैं और पैमाइश के मामलों को लटकाए रखने के दोषी पाए गए हैं। लखीमपुर खीरी के सदर से भाजपा विधायक योगेश वर्मा का बीते माह इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वह स्कूटी पर बैठकर कलेक्ट्रेट परिसर गए और एसडीएम से लेकर कानूनगो की शिकायत करते हुए नजर आए।
वायरल वीडियो में विधायक कह रहे थे कि सेवानिवृत्त शिक्षक विश्वेश्वर दयाल की भूमि की पैमाइश के लिए घूस में पांच हजार रुपये लिए गए, उसे रुपये वापस कराइए। वीडियो वायरल होने के बाद सरकार ने इसका संज्ञान लेते हुए नियुक्ति विभाग से पूरे मामले की जांच कराई। नियुक्ति विभाग ने लखीमपुर खीरी के जिलाधिकारी से इसकी रिपोर्ट मांगी।
छह वर्ष पहले यानी वर्ष 2019 के बाद कौन-कौन उप जिलाधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार वहां तैनात रहे हैं, और उन्होंने पैमाइश के मामले में क्या कार्रवाई की। रिपोर्ट के आधार पर इन चारों अधिकारियों को सरकार ने निलंबित कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि राजस्व विभाग के संबंधित दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।