
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है। परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने जानकारी दी है कि परिवहन निगम में लगभग 5,000 महिला अभ्यर्थियों को सीधे संविदा परिचालक के पद पर नियुक्त किया जाएगा।
महिला अभ्यर्थियों को इंटरमीडिएट में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट तैयार कर भर्ती की जाएगी। इसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट के साथ CCC (कोर्स ऑन कंप्यूटर कॉन्सेप्ट) प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा। साथ ही महिला उम्मीदवारों को उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन से जुड़ा होना चाहिए, या फिर उनके पास NCC ‘B’ सर्टिफिकेट, NSS प्रमाणपत्र, भारत स्काउट एंड गाइड के राज्य या राष्ट्रपति पुरस्कार होने चाहिए।
इन विशेष प्रमाणपत्रों की धारक महिलाओं को इंटरमीडिएट की मेरिट में 5% वेटेज का लाभ भी दिया जाएगा। महिला परिचालकों को वही पारिश्रमिक मिलेगा जो संविदा चालकों और परिचालकों को अनुमन्य है। साथ ही उन्हें उनके गृह जनपद से संबंधित डिपो में नियुक्त किया जाएगा।परिवहन मंत्री ने बताया कि महिला अभ्यर्थियों की भर्ती के लिए परिवहन निगम के विभिन्न क्षेत्रों में 8 अप्रैल से 17 अप्रैल 2025 तक रोजगार मेलों का आयोजन किया जाएगा।
यह मेला 8 अप्रैल को गाजियाबाद, अलीगढ़, बरेली, अयोध्या और वाराणसी में, 11 अप्रैल को मेरठ, इटावा, हरदोई, देवीपाटन और आजमगढ़ में, 15 अप्रैल को सहारनपुर, झांसी, कानपुर, चित्रकूटधाम, बांदा और प्रयागराज में तथा 17 अप्रैल को नोएडा, आगरा, मुरादाबाद, लखनऊ और गोरखपुर में आयोजित किया जाएगा। यह मेला पहले फरवरी 2025 में प्रस्तावित था, लेकिन महाकुंभ के कारण इसे स्थगित कर अब अप्रैल में आयोजित किया जा रहा है।
ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी क्षेत्रवार रूप से परिवहन निगम की वेबसाइट www.upsrtc.com पर उपलब्ध कराई जाएगी। प्रमाणपत्रों का सत्यापन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से किया जाएगा।महिला अभ्यर्थियों को कौशल विकास मिशन के माध्यम से आवश्यक प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। यदि किसी कोर्स की सुविधा मिशन स्तर से उपलब्ध नहीं है, तो परिवहन निगम स्वयं प्रशिक्षण प्रदान करेगा और उसका व्यय उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं कौशल विकास मिशन से प्रतिपूर्ति के लिए प्रस्तावित किया जाएगा।
यह भर्ती अभियान न केवल महिला सशक्तिकरण को नई ऊंचाई देगा, बल्कि प्रदेश के सार्वजनिक परिवहन को भी अधिक सुरक्षित और संवेदनशील बनाने में सहायक सिद्ध होगा।