बस्ती। चोर-पुलिस के खेल को चरितार्थ करते हुए पुलिस की गिरफ्त में आया किशोरी को भगाने का आरोपी पुलिस को चकमा देते हुए फरार हो गया। पुलिस ने उसे ढूंढऩे में पूरी रात हाथ-पैर मारे और दो दिन से तलाश कर रही है, लेकिन उसका अब तक कोई पता नहीं लग पाया है।
बनकटी थाने में पुलिस को चकमा देकर भागे किशोरी को भगाने का आरोपी पुलिस को 10 दिन से छका रहा है। पहले 15 अगस्त से लेकर 23 सितंबर तक उसने गली-कूचों के चक्कर लगवाए। किसी तरह हाथ आया भी तो दूसरे दिन ही उल्टी होने, चक्कर आने का झांसा देकर फरार हो गया। पुलिस तब से उसे ढूंढ रही है। थाने में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने धरना भी दिया था। उन्हें शांत करने के लिए थाने के हेड मोहर्रिर को निलंबित कर दिया गया। मगर, आरोपी पकड़ में नहीं आया।
लालगंज क्षेत्र के एक गांव से किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के आरोप में पुलिस ने 15 अगस्त को शहर कोतवाली के रोडवेज निवासी नवरंग गुप्ता पर केस दर्ज किया था। परिवार के लोगों ने पुलिस से संपर्क कर ढूंढना शुरू किया। 23 सितंबर की रात में नवरंग को पकड़ कर लिया गया। 25 सितंबर को पुलिस उसे न्यायालय में पेश करने की तैयारी में थी, लेकिन 24 सितंबर की रात को ही वह पुलिस को चकमा देकर भाग निकला।
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने बेचैनी और उल्टी होने की बात कही। इस बहाने से वह लॉकअप से बाहर निकाला और चकमा देकर फरार हो गया। 25 सितंबर की शाम को आरोपी के पुलिस अभिरक्षा से भागने की जानकारी किशोरी के परिजनों को हुई तो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ थाने पर पहुंच गए। पुलिस कर्मियों पर आरोपी की फरारी में मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग करने लगे। इस दौरान हेड मुहर्रिर सत्येंद्र यादव की कार्रवाई की मांग कर रहे लोगों से बहस हो गई। इसके बाद उनका गुस्सा और भी भड़क गया।
उनके द्वारा थानेदार के साथ उस पर भी कार्रवाई की मांग की जाने लगी। नारेबाजी के बाद आक्रोशित भीड़ के साथ बजरंग दल के कार्यकर्ता थाने पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। देर रात करीब दो बजे तक डटे रहने के बाद सीओ रुधौली स्तर से उचित कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद लोगों ने थाना छोड़ा। बाद में प्रकरण में सीओ की जांच रिपोर्ट पर एसपी ने हेड मुहर्रिर सत्येंद्र यादव को निलंबित कर दिया। एसओ सुनील गौड़ ने बताया कि आरोपी की तलाश की जा रही है। जल्द ही उसे पकड़ कर जेल भेजा जाएगा।