
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रयागराज महाकुंभ में हो रही असुविधाओं और श्रद्धालुओं की परेशानियों को लेकर भा.ज.पा. सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि लाखों श्रद्धालु महाकुंभ में आने-जाने के दौरान जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, वह भा.ज.पा. सरकार की नाकामी को उजागर करती हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को महाकुंभ में हुई भगदड़ और दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिवारों को 50-50 लाख रूपये का मुआवजा देना चाहिए।
अखिलेश यादव ने महाकुंभ में यातायात व्यवस्था की खस्ता हालत को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि प्रयागराज महाकुंभ के रास्तों पर लाखों लोग घंटों तक जाम में फंसे हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महिलाओं के लिए विशेष स्थान नहीं है, लोगों की देखभाल का कोई इंतजाम नहीं है, और मोबाइल की बैटरियां खत्म हो जाने के कारण श्रद्धालुओं का संपर्क टूट गया है, जिससे स्थिति और भी चिंताजनक हो रही है।
यादव ने कहा कि प्रशासन और सरकार की नाकामी के कारण किसी भी जिम्मेदार मंत्री या व्यक्ति का कहीं पता नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और अन्य प्रमुख मंत्री पूरी तरह से नदारद हैं, जबकि सिर्फ सिपाही और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी दिन-रात काम कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि महाकुंभ के दौरान उत्तर प्रदेश में वाहनों को टोल-फ्री किया जाना चाहिए, ताकि यात्रा की बाधाएं कम हो सकें और जाम की समस्या हल हो सके। साथ ही, भा.ज.पा. के नेताओं पर आरोप लगाया कि वे श्रद्धालुओं को ही दोष दे रहे हैं, जबकि सरकार की व्यवस्था ही दोषपूर्ण है।
अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हो रही अव्यवस्थाओं के समाधान के लिए किसी सक्षम व्यक्ति को शासन की कमान सौंपने या सेना को व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपने का प्रस्ताव रखा, ताकि श्रद्धालुओं के लिए आपातकालीन व्यवस्थाएं की जा सकें।अखिलेश यादव ने पूरे घटनाक्रम को अति गंभीर बताते हुए कहा कि प्रयागराज के नागरिकों को गंदगी, जाम और महंगाई के अलावा कुछ भी नहीं मिला है।