
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार से प्रथम अखिल भारतीय पुलिस हैण्डबॉल क्लस्टर प्रतियोगिता 2024-25 (हैण्डबॉल/बास्केटबॉल) का शुभारम्भ हुआ। इस प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्वस्थ भारत के बिना सशक्त राष्ट्र की परिकल्पना अधूरी है और इसके लिए खेलकूद की गतिविधियों को हर स्तर पर प्रोत्साहन देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में एक नई खेल संस्कृति का उदय हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप आज खेल न केवल प्रतिस्पर्धा का माध्यम हैं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की दिशा में भी प्रभावी भूमिका निभा रहे हैं।





मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद चन्द्रशेखर आजाद क्रीड़ा संकुल, 35वीं वाहिनी पीएसी में आयोजित समारोह में खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया, मार्चपास्ट की सलामी ली और प्रतियोगिता की मशाल जलाकर उसे आरक्षक विक्रान्त सिंह को सौंपा। महिला आरक्षी सुश्री बरखा सोनकर द्वारा उन्हें यह मशाल सौंपी गई थी।
चार दिवसीय इस प्रतियोगिता में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों तथा विभिन्न राज्यों के पुलिस बलों से कुल 75 टीमें भाग ले रही हैं, जिनमें 1,341 खिलाड़ी शामिल हैं, जिनमें से 336 महिलाएं हैं। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मणिपुर, जम्मू-कश्मीर, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल जैसी विविध भौगोलिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों वाली टीमों की भागीदारी ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को साकार कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने खेल नीति-2023 लागू कर विभिन्न स्तरों पर खिलाड़ियों को सम्मान, अवसर और समर्थन देने के लिए ठोस पहल की है। पिछले पाँच वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल विजेता 500 से अधिक खिलाड़ियों को उत्तर प्रदेश पुलिस बल में सीधी भर्ती दी गई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब तक 84 स्टेडियम, 67 बहुउद्देशीय हॉल, 15 सिन्थेटिक हॉकी स्टेडियम, 2 अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम सहित अनेक अत्याधुनिक खेल सुविधाएं विकसित की गई हैं। वर्तमान में 18 जनपदों में 44 स्पोर्ट्स हॉस्टल संचालित हो रहे हैं, जिनमें 16 खेलों के 740 खिलाड़ियों को प्रशिक्षण व आवास की सुविधा दी जा रही है।
लखनऊ, गोरखपुर और इटावा में संचालित स्पोर्ट्स कॉलेजों में खिलाड़ियों को अन्तरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। वहीं, वाराणसी में तीसरे अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और सिगरा स्थित डॉ. सम्पूर्णानन्द स्पोर्ट्स स्टेडियम के इण्डोर परिसर का निर्माण युद्धस्तर पर जारी है। मेरठ में स्थापित हो रहे मेजर ध्यानचन्द स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय का पहला सत्र भी इसी वर्ष से शुरू होने जा रहा है।
प्रदेश सरकार ‘एक जनपद एक खेल’ योजना के अंतर्गत खेलो इंडिया सेंटर्स की स्थापना को भी गति दे रही है। ओलम्पिक, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स और वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पदक विजेताओं के लिए नकद पुरस्कार की प्रभावशाली व्यवस्था भी राज्य सरकार द्वारा की गई है। ओलम्पिक स्वर्ण पदक पर 6 करोड़, रजत पर 4 करोड़ और कांस्य पदक पर 2 करोड़ रुपये का पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस बल को भी खेलों के माध्यम से नई ऊर्जा मिली है। पुलिस लाइन और थानों में अत्याधुनिक सुविधाओं का विकास हुआ है, और अब प्रदेश में प्रत्येक जनपद की सबसे ऊंची इमारतें पुलिस बल की हो गई हैं। प्रदेश में अब तक 2.10 लाख से अधिक पुलिस कार्मिकों की सफल भर्ती हो चुकी है और खिलाड़ियों की नियुक्ति एवं प्रोन्नति के नियम भी सरल किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि लखनऊ की 35वीं वाहिनी पीएसी में एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड और 150 खिलाड़ियों के स्पोर्ट्स हॉस्टल का निर्माण हो चुका है। बाराबंकी और गाजियाबाद में भी विशेष खेल सुविधाएं विकसित की गई हैं। साथ ही, उत्तर प्रदेश पुलिस स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड को खिलाड़ियों के विकास हेतु 10 करोड़ रुपये की सहायता दी जा रही है।
समारोह में पुलिस महानिदेशक प्रशान्त कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री की उपस्थिति ने खिलाड़ियों के उत्साह को कई गुना बढ़ाया है और उनके नेतृत्व में प्रदेश ने खेल जगत में नई पहचान बनायी है। यह केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि अनुशासन, टीम भावना और आत्मविश्वास का एक प्रेरणादायक मंच है।इस अवसर पर मत्स्य मंत्री नव्व संजय निषाद, प्रमुख सचिव नव्व संजय प्रसाद, एडीजी पीएसी नव्व सुजीत पाण्डेय समेत वरिष्ठ अधिकारी, केन्द्रीय व राज्य पुलिस बलों के प्रतिभागी खिलाड़ी तथा नागरिकजन उपस्थित थे।