
गोरखपुर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को जनपद गोरखपुर में हावर्ट बांध पर निर्माणाधीन फोरलेन सड़क परियोजना का स्थलीय निरीक्षण किया। बहरामपुर रेगुलेटर नंबर एक के पास पहुंचे मुख्यमंत्री ने परियोजना के ड्रॉइंग-मैप का अवलोकन कर प्रगति की जानकारी ली और निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।

इस दौरान उन्होंने कहा कि यह फोरलेन सड़क न केवल यातायात की बड़ी समस्या का समाधान करेगी, बल्कि गोरखपुर महानगर को बाढ़ से भी सुरक्षित बनाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर चारों ओर से जल से घिरा हुआ क्षेत्र है। रामगढ़ताल, चिलुआताल, राप्ती और रोहिन नदियां इस पूरे क्षेत्र को घेरे हुए हैं। राप्ती और रोहिन नदियों के संगम और उनके संभावित उफान से बचाव के लिए हावर्ट बांध और माधोपुर तटबंध बनाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2017-18 में जब राप्ती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा था, तो स्थिति अत्यंत संवेदनशील हो गई थी। उस संकट ने यह स्पष्ट कर दिया कि दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राजघाट से डोमिनगढ़ तक बनने वाली इस फोरलेन सड़क से न केवल बाढ़ नियंत्रण को मजबूती मिलेगी बल्कि यातायात की दिशा भी बदलेगी। डोमिनगढ़ में एक नया रेलवे ओवरब्रिज भी बनाया जा रहा है। यह पूरी व्यवस्था गोरखपुर शहर को जोड़ने की बजाय शहर से बाहर निकलने का वैकल्पिक मार्ग देगी, जिससे ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी और यात्रियों को नेपाल मार्ग की ओर सुगमता से आवागमन मिलेगा।
उन्होंने कहा कि साहबगंज मुख्य मंडी और कपड़ा व्यापार केंद्र के चलते यहां रातभर भारी वाहनों की आवाजाही रहती है, जिससे आमजन को जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है। फोरलेन बनने के बाद मालभाड़ा और आमजन की आवाजाही में आसानी होगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस परियोजना को लोक निर्माण विभाग और सेतु निगम के साथ सिंचाई विभाग मिलकर पूरा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी ने जानकारी दी कि राजघाट पुल से डोमिनगढ़ तक लगभग 4 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क पर 195 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसके आगे डोमिनगढ़ से माधोपुर तटबंध होते हुए महेसरा तक 10 किलोमीटर लंबे फोरलेन मार्ग पर 380 करोड़ रुपये और डोमिनगढ़ में बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज पर 132 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित है। कुल मिलाकर 700 करोड़ रुपये से अधिक की यह परियोजना युद्ध स्तर पर जारी है।
मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि सभी कार्यदायी संस्थाएं समयबद्ध ढंग से कार्य पूरा करेंगी। उन्होंने कहा कि यदि परियोजना के चलते किसी व्यक्ति का घर या संपत्ति प्रभावित हो रही है तो उसका सम्मानजनक पुनर्वास और मुआवजा सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने इस कार्य को आमजन और व्यापारियों की सुरक्षा व सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाला कदम बताया।इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, अधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।