झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शिशु वार्ड (एसएनसीयू) में शुक्रवार रात भीषण आग लग गई। हादसे में 10 नवजात बच्चों की जलकर मौत हो गई। उनके शव निकाले जा चुके हैं। मौके पर दमकल की 6 गाड़ियां मौजूद हैं। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। मेडिकल कॉलेज में मौके पर उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि रात साढ़े दस से 10 बजकर 45 मिनट के बीच एनआईसीयू के एक हिस्से में आग लग गई। आग लगने की वजह शार्ट सर्किट बताई जा रही है।
नवजातों की मौत से अस्पताल परिसर में कोहराम मच गया। माता-पिता भी अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगाते रहे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शुक्रवार रात करीब पौने ग्यारह बजे वार्ड से धुआं निकलता दिखा। जब तक लोग कुछ समझ पाते, आग की लपटें उठने लगीं। कुछ ही देर में आग ने वार्ड को जद में ले लिया, जिससे भगदड़ मच गई। शिशुओं को बाहर निकालने की कोशिश हुई, पर धुआं एवं दरवाजे पर आग की लपट होने से समय पर बाहर नहीं निकाले जा सके। दमकल की गाड़ियों के पहुंचने पर शिशुओं को बाहर निकाला जा सका। बताया जा रहा है कि पहले ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर में आग लगी और देखते ही देखते पूरा वार्ड आग की चपेट में आ गया।
झांसी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक(CMS) सचिन माहोर ने कहा-
NICU वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे, अचानक से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लग गई, आग बुझाने की कोशिश की गई लेकिन आग तुरंत फैल गई थी… 10 बच्चों की अभी तक मृत्यु हो गई है बाकी बच्चों का इलाज चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे का संज्ञान लिया। अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंच कर राहत कार्य में तेजी लाने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे का संज्ञान लिया। उन्होंने मृतक बच्चों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
हादसे के बाद सुबह डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) भी झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज पहुंचे और घटना का जायजा लिया।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं और कहा कि घायल बच्चों को इलाज दिया जा रहा है। पाठक ने कहा कि हम आर्थिक मदद के लिए भी तैयार हैं। पाठक ने कहा, नवजात शिशुओं (Newborn Babies) की मौत बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर हम नवजात शिशुओं के शवों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। पहली जांच प्रशासनिक स्तर पर होगी जो स्वास्थ्य विभाग करेगा, दूसरी जांच पुलिस प्रशासन करेगा। अग्निशमन विभाग की टीम भी इसमें शामिल होगी, तीसरा मजिस्ट्रेट जांच (Magistrate Inquiry) के निर्देश भी दिए गए हैं।