
केके मिश्रा संवाददाता।
संत कबीर नगर। जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवर की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ समिति (शासी निकाय) के कार्यक्रमों/संचालित योजनाओं की अद्यतन स्थिति एवं प्रगति की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी उपस्थित रहे।

समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा जनपद में पात्र लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनने की प्रगति एवं 70 वर्ष या उससे अधिक की आयु के सभी व्यक्तियों का आयुष्मान कार्ड बनाए जाने की प्रगति की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि जिला चिकित्सालय सहित जनपद के सभी सीएचसी/पीएचसी में आधारभूत सुविधाओं में यदि कोई कमी है तो उसे तत्काल सुधारने की आवश्यकता है।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा पिछली बैठक में दिए गए निर्देशों की अनुपालन आख्या की समीक्षा की गई, जिसमें जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के भुगतान की स्थिति, गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव का आंकड़ा, ओपीडी/आईपीडी में माहवार मरीजों की संख्या के सापेक्ष दवाओं का वितरण आदि की आंकड़ेवर समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति (शासी निकाय) की बैठक में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, जिला क्षय रोग समिति, संचारी रोग, रेवीज़ टीकाकरण, स्नेक बाइट वैक्सीन की उपलब्धता, चिकित्सालयों में चिकित्सकों एवं दवाओं की उपलब्धता, रूटीन टीकाकरण आभा आईडी आरसीएच पोर्टल व ई-कवच पोर्टल की प्रगति सहित मरीजों के हित में स्वास्थ्य संबंधित उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाओं/सुविधाओं की विस्तृत समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी चिकित्साधिकारी अपने चिकित्सालयों में मरीजों के उचित देखभाल से संबंधित बेसिक सुविधाओं जैसे-बैठने की व्यवस्था, पानी, शौचालय, व्हीलचेयर सहित अन्य चिकित्सीय उपकरणों आदि के सुचारू संचालन सुनिश्चित रखें।
बैठक में जिला स्तर पर विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों, स्वास्थ्य संकेतकों की अद्यतन स्थिति एवं प्रगति पर बिंदुवार समीक्षा की गयी।
जिलाधिकारी ने सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में कदापि लापरवाही न बरती जाए, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का रूटीन टीकाकरण, बच्चों में कुपोषण के स्थिति की जांच आदि की विभागीय स्तर पर नियमित समीक्षा की जाए।
स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा के दौरान जननी सुरक्षा योजना के व्यवस्थित संचालन, ग्रामीण स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकत्रियों जैसे-आशा एवं ए0एन0एम0 की कार्य प्रणाली, संस्थागत प्रसव आदि से सम्बंधित चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित जितनी भी सेवाओं/योजनाओं का संबंध ग्रामीण स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकत्रियों (आशा/एएनएम) से है उसकी समीक्षा अनिवार्य रूप से मुख्य चिकित्साधिकारी एवं सम्बंधित चिकित्साधिकारीगण एक-एक आशा/एएनएम के सापेक्ष सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य योजनाओं/कार्यक्रमों के संचालन एवं आउटपुट की सतर्क मॉनीटरिंग भी की जाए।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने शासन की मंशा के अनुरूप उपस्थित सभी चिकित्सकों को निर्देशित किया कि सरकारी चिकित्सक के रूप में तैनाती के बावजूद यदि किसी चिकित्सक के द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस अथवा निजी चिकित्सालयों से सम्बद्वता पायी जायेगी तो सम्बंधित के विरूद्ध कार्यवाही करने की संस्तुति कर दी जायेगी।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 रामानुज कन्नौजिया, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ0 भवनाथ पांडेय, डीपीएम विनीत कुमार श्रीवास्तव, स्वास्थ्य संस्थानों के प्रतिनिधि सहित चिकित्सालयों के एम0ओ0आई0सी0 व अन्य सम्बंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।