लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लोहिया संस्थान में मोबाइल ही नहीं स्मार्ट वॉच से भी दलाली हो रही है। पंजीकरण के नाम पर मरीजों से ज्यादा वसूली के लिए कुछ संविदा कर्मचारी स्मार्ट वॉच का इस्तेमाल कर रहे हैं। अब इनके खिलाफ कार्रवाई होगी। साथ ही स्मार्ट वॉच की भी जांच कराई जा जाएगी। जल्द ही ड्यूटी के दौरान स्मार्ट वॉच पहनने पर रोक लगाई जा सकती है।
बता दें कि लोहिया संस्थान में 100 रुपये में ओपीडी पंजीकरण होता है। कई विभागों में मरीजों की संख्या सीमित है। लोहिया संस्थान में पूरे यूपी से इलाज कराने के लिए मरीज आ रहे हैं, जिससे मरीजों का दबाव ज्यादा है। बहुत से मरीज ओपीडी में नहीं दिखा पा रहे हैं। लोहिया संस्थान के कुछ डॉक्टरों की व्यवस्था का फायदा संविदा कर्मचारी उठा रहे हैं। पंजीकरण के नाम पर 300-300 रुपये तक वसूल रहे हैं।
हाल ही में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने दो संविदा कर्मचारियों को अवैध वसूली के आरोप में नौकरी से निकाल दिया है। दोनों के मोबाइल पर वॉट्सएप चैट और पैसे के लेने-देन संबंधी सुबूत मिले हैं। दो सदस्यीय टीम अन्य कर्मचारियों की जांच कर रही है।
अधिकारियों का कहना है कि दलाली रोकने और बातचीत में समय गंवाने से बचाने के लिए काउंटर में जाने से पहले कर्मचारियों से मोबाइल बाहर ही जमा कराया जा रहा है। इससे कुछ कर्मचारी स्मार्ट वॉच से दलाली का तरीका इजाद किया है। मोबाइल स्मार्ट वॉच से जुड़ा रहता है। ऐसे में वॉट्सएप पर आने वाले संदेश को स्मार्ट वॉच पर देखकर उसका जवाब भी दिया जा सकता है। ऐसे कुछ कर्मचारी रडार पर हैं। इनकी जांच कराई जा रही है। जल्द ही कुछ और कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है।