लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अगले छह महीनों तक हड़ताल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला (ESMA) प्रदेश में बढ़ते असंतोष और खराब हालात का संकेत है। उन्होंने इसे सरकार की विफलता और डर से उपजा कदम बताया।
सरकार की नीतियों से बढ़ रहा आक्रोश
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा जोड़-तोड़ और भ्रष्टाचार के सहारे सत्ता में आई है, लेकिन उसे शासन चलाना नहीं आता। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा कर्मचारियों और अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाना इस बात को स्पष्ट करता है कि प्रशासनिक व्यवस्था के भीतर विरोध और आक्रोश सुलग रहा है, जो कभी भी फट सकता है।
भ्रष्टाचार और निजीकरण पर गंभीर आरोप
उन्होंने भाजपा पर राष्ट्रीय संपत्तियों को चहेते पूंजीपतियों को सस्ते में बेचने और संविधान प्रदत्त आरक्षण व्यवस्था को समाप्त करने की साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिजली जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों का निजीकरण करके सरकार कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है।
हर वर्ग में असंतोष
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार की नीतियों से किसान, मजदूर, नौजवान और कर्मचारी सभी वर्गों में असंतोष बढ़ रहा है। इसे दबाने के लिए सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की कुनीतियां न केवल सरकारी और अर्द्धसरकारी संस्थानों में असंतोष को जन्म दे रही हैं, बल्कि आम जनता के बीच भी आक्रोश फैला रही हैं।
डर के साए में सरकार
अखिलेश यादव ने सरकार पर डर के माहौल में काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा अपने भ्रष्टाचार और कुनीतियों की वजह से हर ओर विरोध का सामना कर रही है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया और कर्मचारियों और आम जनता के अधिकारों के लिए आवाज उठाने की अपील की।
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