
•कपिल उपाख्यान, शिव चरित्र और ध्रुव चरित्र की भावपूर्ण प्रस्तुति से भावविभोर हुए श्रद्धालु।
— के. के. मिश्रा, संवाददाता।
गोरखपुर। बुधवार को मानसरोवर स्थित रामलीला मैदान में स्वर सागर संस्था द्वारा आयोजित सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञानयज्ञ के तीसरे दिन भक्ति, श्रद्धा और ज्ञान की त्रिवेणी बहती दिखी।


विश्व की सबसे कम आयु की अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त बाल व्यास श्वेतिमा माधव प्रिया ने अपनी दिव्य वाणी से कथा का ऐसा अमृत बरसाया कि हजारों श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।
तीसरे दिन की कथा में कपिल उपाख्यान, शिव चरित्र और ध्रुव चरित्र का अत्यंत सुंदर और प्रभावशाली वर्णन प्रस्तुत किया गया।
कपिल उपाख्यान में कपिल मुनि और देवहुति के संवाद के माध्यम से श्वेतिमा जी ने सांख्य दर्शन का सरल और गूढ़ विवेचन प्रस्तुत किया, जिससे आत्मा और परमात्मा के संबंध की गहराई श्रद्धालुओं तक पहुँची।
शिव चरित्र के वर्णन में भगवान शिव के वैराग्य, त्याग और कल्याणकारी स्वरूप का चित्रण अत्यंत जीवंत ढंग से किया गया। हर हर महादेव के जयघोषों से संपूर्ण वातावरण शिवमय हो उठा।
ध्रुव चरित्र की कथा में बालक ध्रुव की निष्ठा, तप और नारायण से साक्षात्कार की गाथा को श्वेतिमा जी ने इतनी आत्मीयता और भावपूर्ण शैली में प्रस्तुत किया कि अनेक श्रोताओं की आंखें नम हो गईं। बाल व्यास द्वारा इतने गंभीर और दिव्य भावों की प्रस्तुति देख श्रद्धालु जनों ने उन्हें “ईश्वर प्रेरित बाल संत” की संज्ञा दी।
अन्य प्रमुख गतिविधियाँ – मुख्य यजमान: सुनीशा श्रीवास्तव व सुनील श्रीवास्तव, व्यास पूजन: आचार्य गौरव पाण्डेय, संगीत सहयोग: मदन मोहन मालवीय, सुमित सिंह एवं नंदन मिश्रा – जिन्होंने कथा को संगीत की मधुरता से और भी भावगर्भित बना दिया।
विशेष उपस्थिति में कुंदन उपाध्याय, विष्णु शंकर श्रीवास्तव, नीतू, रंजना सिंह, विजय श्रीवास्तव, संदीप त्रिपाठी, चंचला शुक्ला, शत्रुघ्न सिंह, मृति श्रीवास्तव, दीप्ति श्रीवास्तव, समीर, हर्ष, बाल भक्त सौराष्ट्र, डा. रागिनी पाण्डेय, डा. एहसान, जय सिंह (छायांकन), प्रेम नाथ मिश्रा, विशाल दूबे सहित कई श्रद्धालुगण सम्मिलित रहे।
आयोजकगण का आग्रह किया कि कथा प्रतिदिन संध्या 5 बजे से प्रारंभ होती है। आयोजकों ने श्रद्धालुओं से समय पर पहुँचने एवं इस दिव्य आयोजन का लाभ उठाने की अपील की है।