
-मंगलायतन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में दिखेगी भारतीय संस्कृति की छटा।
-03 अप्रैल को होगा दीक्षांत समारोह, 4204 विद्यार्थियों को उपाधि, आठ को मिलेंगे गोल्ड मेडल।
सौरभ पाठक की रिपोर्ट।
अलीगढ़। मंगलायतन विश्वविद्यालय संस्कृति, शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता की अपनी प्रतिबद्धता के लिए पहचाना जाता है। तीन अप्रैल को आयोजित होने जा रहा 11 वां दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक जीवन के अध्याय को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण पल होगा। दीक्षांत समारोह में भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई देगी। जिसमें छात्राएं ऑफ व्हाइट साड़ी या सलवार सूट व छात्र ऑफ व्हाइट कुर्ता-पाजामा में प्रतिभाग करेंगे। दीक्षांत समारोह सुबह 11 बजे से होगा।
समारोह के मुख्य अतिथि बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान होंगे। विशिष्ठ अतिथि प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम व हाथरस सांसद अनूप प्रधान होंगे। कार्यक्रम में स्वामी श्री ऋषिराज महाराज का सानिध्य मिलेगा। इस दौरान मुख्य अतिथि स्नातक व परास्नातक पाठ्यक्रम पूर्ण कर चुके विद्यार्थियों को पदक और उपाधि प्रदान करेंगे।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए कुलपति प्रोफेसर पीके दशोरा ने बताया कि दीक्षांत समारोह में 4204 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की जाएंगी। इनमें आठ विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और नौ विद्यार्थियों को रजत पदक के साथ कुल 33 प्रथम व द्वितीय स्थान पर रहे विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि मंगलायतन विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। शिक्षा एवं विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास के लिए कृत संकल्पित है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए विवि प्रशासन शिक्षा के विविध आयामों को नई दिशा देने और गति के साथ आगे बढ़ा रहा है। इस दिशा में शिक्षा प्राप्त विद्यार्थियों के लिए रोजगार मुहैया कराने में विश्वविद्यालय का ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल सतत भाव से कार्यरत है।
हाल ही में इस सेल ने प्री-इंस्टा कंपनी से एमओयू साइन किया है जिसके तहत कंप्यूटर विज्ञान के छात्रों को नई तकनीकियों की ट्रेनिंग दी जा रही है। देश की बहुप्रतिष्ठित और मल्टीनेशनल कंपनियों में ट्रेनिंग और प्लेसमेंट के माध्यम से विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हाल ही के वर्षों में सरकारी सेवा के उच्च पदों पर भी कई विद्यार्थियों का चयन हुआ है।
विश्वविद्यालय नए पाठ्यक्रमों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। शीघ्र ही फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में भी शिक्षण-प्रशिक्षण प्रारंभ करने जा रहा है। इसके अलावा दूरस्थ शिक्षा में भी पाठ्यक्रमों की संख्या बढ़ाई जा रही है। वर्तमान में चल रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों के साथ भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, मनोविज्ञान और अर्थशास्त्र में भी विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जा रही है।
प्रोफेसर दशोरा ने बताया कि कौशल शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों का उन्मुखीकरण (ओरियंटेशन) किया जा रहा है।
शारीरिक विकास और अनुशासन के लिए इस वर्ष खेलकूद व एनएसएस के अतिरिक्त एनसीसी की गतिविधियां प्रारंभ की गई हैं। विश्वविद्यालय की आगामी योजना में सेना में रोजगार प्राप्त करने हेतु सैन्य शिक्षा अध्ययन के माध्यम से विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना है।
कुलपति ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि हाल ही में विश्वविद्यालय के छात्र संजीव कुमार ने कोस्ट गार्ड में असिस्टेंट कमांडेंट का पद ग्रहण किया है। वहीं, एलएलएम की छात्रा तजीन बिन ने बिहार और पश्चिम बंगाल न्यायिक सेवा की परीक्षाएं उत्तीर्ण की हैं। शोध के क्षेत्र में भी निरंतर नए आयाम स्थापित करते हुए कई अहम पेटेंट किए हैं।
प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी खेल भावनाओं को बढ़ाने के लिए स्पोर्ट्स कोलोजियम का आयोजन किया गया। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों को योग प्रशिक्षण दिलाता है। अथर्वा और दक्ष जैसे कार्यक्रमों द्वारा विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों को प्रतियोगिताओं के माध्यम से विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए आयोजित किया जाता है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य विद्यार्थियों को नवाचार सिखाने के साथ शैक्षणिक दक्षता प्रदान करना है। यह विद्यार्थियों के समग्र विकास और भविष्य की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
कुलपति ने बताया कि ढांचागत संरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) का भी विस्तार किया जा रहा है। प्रतिवर्ष छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एक हजार छात्रों की क्षमता का एक नया छात्रावास भी तैयार किया जा रहा है। अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित प्रयोगशालाएं मंगलायतन की खास पहचान हैं। इनमें लैग्वेज लैब, पीएसएल लैब और सेंट्रल लैब अपनी विशेषताओं के साथ-साथ विद्यार्थियों की प्रतियोगी शिक्षा के लिए लाभदायक हैं।
कुलसचिव ब्रिगेडियर समरवीर सिंह ने गत वर्षों की विश्वविद्यालय की उपलब्धि के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए छात्र कल्याण कार्यक्रमों के संबंध में बताया। उन्होंने कहा कि हम विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं। जिसमें हमारी सामाजिक संस्था कदम, राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। एनएसएस की सात इकाइयों के तहत विद्यार्थी क्षेत्रीय ग्रामों में जाकर चिकित्सा, विधि, नई तकनीकियां, स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण आदि की जानकारी प्रदान करते हैं। कुलसचिव ने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों व उनके स्वजनों को इस महत्वपूर्ण आयोजन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। दीक्षांत समारोह का विश्वविद्यालय के सोशल मीडिया पेज फेसबुक व यू-ट्यूब पर लाइव प्रसारण भी किया जाएगा।
संयुक्त कुलसचिव प्रो. दिनेश शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने धन के अभाव में जो बालिकाएं उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाती है उनके लिए अनूठी पहल की है। ऐसी छात्राओं को पांच करोड़ की छात्रवृति प्रदान की जा रही है। देश के विभिन्न राज्यों के साथ विदेशों के भी विद्यार्थी यहां शिक्षा अध्ययन कर रहे हैं।
विश्वविद्यालय में उल्लेखनीय छात्र वृद्धि अभिभावकों व विद्यार्थियों के भरोसे और विश्वास को दर्शाती है। विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा (डिस्टेंस एजुकेशन) एवं ऑनलाइन पाठ्यक्रम भी संचालित किए जा रहे हैं। इस अवसर पर डा. संतोष गौतम, गोपाल राजपूत, प्रो. प्रदीप कुमार, मनीषा उपाध्याय, योगेश कौशिक, मयंक जैन आदि उपस्थित रहे।