
•उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक में किसानों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने पर दिया गया जोर।
लखनऊ। प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने शुक्रवार को उद्यान निदेशालय, लखनऊ के सभागार में विभागीय योजनाओं की गहन समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उद्यान विभाग किसानों की आय को दोगुना करने और कृषि को लाभकारी बनाने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभा रहा है।
बैठक के दौरान मंत्री ने औद्यानिक फसलों के क्षेत्रफल में हुए विस्तार और उत्पादन की प्रगति का तुलनात्मक विश्लेषण करते हुए कहा कि वर्ष 2025-26 के लिए स्पष्ट लक्ष्यों के साथ कार्य योजना तैयार की जाए। उन्होंने विशेष रूप से फूलों, मसालों और औषधीय फसलों के उत्पादन को जलवायु के अनुकूल क्षेत्रों में बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया। उनका कहना था कि औद्यानिक खेती कम क्षेत्र में अधिक उत्पादन और मुनाफा देने वाली पद्धति है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सकती है।
दिनेश प्रताप सिंह ने निर्देश दिया कि योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए और किसानों तक इनका लाभ सीधा पहुंचाया जाए। अनुभागवार समीक्षा करते हुए उन्होंने योजना प्रभारियों से अपेक्षा की कि वे किसानों की जरूरतों को प्राथमिकता पर रखते हुए योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करें। उन्होंने यह भी कहा कि लंबित न्यायालयीय प्रकरणों का समुचित पक्ष रखते हुए शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में सार्वजनिक एवं अलंकृत उद्यानों की स्थिति की समीक्षा करते हुए मंत्री ने इन्हें अधिक आकर्षक और सुव्यवस्थित बनाने पर बल दिया। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि बिना पूर्व अनुमति कोई भी कर्मचारी मुख्यालय से अनुपस्थित न रहे। किसान हितों की उपेक्षा करने वाले अधिकारियों को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस अवसर पर एकीकृत बागवानी विकास मिशन के जनपदवार विस्तार, ड्रिप एवं मोर-क्रॉप माइक्रोइरिगेशन योजना, हाईटेक नर्सरी, गुणवत्तायुक्त पान उत्पादन योजना, फल पट्टियों का विकास, नमामि गंगे और गंगा तटवर्ती औद्यानिक विकास योजना सहित कई प्रमुख योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में औद्यानिक विकास को गति देने तथा राजकीय पौधशालाओं में पौध उत्पादन और वितरण की गुणवत्ता को बेहतर करने पर विशेष चर्चा हुई।
राज्यमंत्री ने सामुदायिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मंडलीय गोष्ठियों का आयोजन कर किसानों को जागरूक करने की योजना का भी ऐलान किया। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि वे फील्ड रिपोर्टिंग को नियमित बनाएं और वास्तविक धरातली प्रगति सुनिश्चित करें।बैठक में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अपर मुख्य सचिव बी. एल. मीणा, निदेशक उद्यान वी. बी. द्विवेदी, संयुक्त निदेशकगण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भौतिक व वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।