
•’राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर हिन्दी वाग्विभूति सम्मान 2025′ से होंगे अलंकृत।
पटना(बिहार)। आगामी 15 – 16 फरवरी को जगजीवन राम शोध संस्थान, पटना में आयोजित भव्य बिहार साहित्य महोत्सव में समापन सत्र के मुख्य वक्ता हेतु ख्यातिलब्ध शिक्षाविद, दार्शनिक, चिंतक और साहित्यकार डॉ. विद्यासागर उपाध्याय को आमंत्रित किया गया है। समापन सत्र का विषय ‘राष्ट्र निर्माण में बिहार के हिंदी साहित्यकारों का योगदान’ जिसकी अध्यक्षता लगभग सौ पुस्तकों के लेखक और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ भगवती प्रसाद द्विवेदी और मुख्य अतिथि बिहार के जाने माने पत्रकार डॉ प्रमोद कुमार सिंह होंगे। संचालन पटना के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ कमल किशोर वर्मा करेंगे।
डॉ. विद्यासागर उपाध्याय के साहित्यिक अवदान, भारतीय दर्शन पर प्राप्त विशिष्ट उपलब्धियों और राष्ट्रीय – अंतरराष्ट्रीय ख्याति के समग्र मूल्यांकन के उपरांत बिहार साहित्य महोत्सव में ‘राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर हिन्दी वाग्विभूति सम्मान 2025’ से अलंकृत किया जाएगा। इससे पूर्व डॉ. विद्यासागर उपाध्याय ने राजगीर, दरभंगा, बक्सर, छपरा, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, सिवान आदि कई प्रसिद्ध जगहों पर विद्वत गोष्ठियों में मुख्य वक्ता के रूप में अपना उद्बोधन परिव्यक्त किया है।
बिहार की राजधानी पटना में होने वाले बिहार साहित्य महोत्सव में देश भर से साहित्यकार एकत्रित होंगे और अपनी विधा प्रस्तुति देंगे। उद्घाटन सत्र,पुस्तक विमोचन ,परिचर्चा ,संवाद ,कवि सम्मेलन , लघु कथा , मुशायरा और समापन आदि कई सत्र प्रस्तावित हैं। समापन सत्र बौद्धिक सत्र होगा जिसका विषय ‘राष्ट्र निर्माण में बिहार के हिंदी साहित्यकारों का योगदान’ निर्धारित किया गया है।
वरिष्ठ साहित्यकार सुधा सिन्हा-पटना, करुणा सिंह- राँची, अणिमा श्रीवास्तव-पटना, दिनेश कुमार राय-पटना, डॉ पुलकित कु. मंडल- भागलपुर, साधना भगत-खगड़िया, उर्मिला वर्मा- पटना, डाॅ पंकज वासिनी- सीतामढ़ी, डॉ सरस्वती प्र.पाण्डेय- मिर्ज़ापुर, डॉ अभिषेक कु. – बेगूसराय, पुष्पा कुमारी- भागलपुर, सुरेश सोनपुरे-भोपाल, सावित्री मिश्रा- ओडिशा, डॉ अलका वर्मा- सुपौल, अनिला विर्णवे, “ऋषि”- ऋषभ देव, डॉ शगुफ़्ता ताजवर -बेगूसराय, प्रेमलता सिंह राजपूत- पटना, वर्षा गर्ग- मुम्बई, अजय प्रसाद,-आसनसोल, अनंत ज्ञान, -झारखंड, डॉ अनुजा अमेरी- पटना, अहमद फिरोज़- गोंडा, मीरा श्रीवास्तव-पटना, अनुपमा सिंह-पटना, विक्रमादित्य सिंह- भुवनेश्वर, संगीता गोविल- ग़ाज़ियाबाद, प्रियंका श्रीवास्तव शुभ्र- पटना,अशोक श्रीवास्तव कुमुद- प्रयागराज,शुभ्रा झा,पूनम सिन्हा ‘श्रेयसी’- पटना, स्वाति अंकन-झारखण्ड, पीयूष खत्री-पटना, डॉ माला सिंह, ज्योति श्रीवास्तव,शिव कुमार सुमन,खगड़िया, “कविगुरु”अंजनी कुमार दुबे- झारखंड,जयालक्ष्मी “शब्दों की जादूगरनी “- झारखंड, प्रदीप कुमार- अहमदाबाद, जया सिंह- बक्सर, डॉ विजय विनीत- सूर्यगढ़ा , दिलीप कुमार,डॉ नीलिमा वर्मा ‘निशिता, करुणा झा- काठमांडू, डॉ शिप्रा मिश्रा- बेतिया, पश्चिम चम्पारण, सपना पाण्डेय- रेणूकूट, कंचन सहाय- बैंगलुरू, अंशिता सिन्हा- राँची, विनोद कुमार राय, ऋतुराज “राज”- मुज़फ़्फ़रपुर, प्रिती सैनी- जमशेदपुर, अनुश्री,मो नसीम अख़्तर, कमल किशोर वर्मा, डाॅ सुमिता राय- मुंगेर, डाॅ अभिलाषा कुमारी- मुंगेर , डाॅ ब्रह्मदेव कुमार- गोंडा, डाॅ स्मिता शिप्रा- गोंडा, प्रकाश यादव- गोंडा, मुमताज़ हसन- गया , चेतन राज- गोंडा, कुमारी मंजू मानस- सारण, छपरा सहित विभिन्न साहित्यिक विधाओं के सैकड़ों मर्मग्य उपस्थित रहेंगे।
डॉ. विद्यासागर उपाध्याय ने बताया कि यह व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए हर्ष का विषय है कि बिहार साहित्य महोत्सव के माध्यम से भारतवर्ष के विभिन्न प्रांतों से पधारे अनेक विद्वान और विदुषी साहित्यकारों के बीच निर्धारित विषय पर व्याख्यान और विचार विनिमय का सौभाग्य प्राप्त होगा।
डॉ. उपाध्याय को बिहार साहित्य महोत्सव में ‘राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर हिन्दी वाग्विभूति सम्मान 2025’ से अलंकृत होने की सूचना पर डॉ. गणेश पाठक, डॉ. राजाराम यादव, डॉ. जनार्दन राय, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. वैभव मणि त्रिपाठी, डॉ.अरविन्द कुमार उपाध्याय, डॉ. नीलम सिंह, डॉ. रिंकी पाठक, करुणानिधि तिवारी, हरेंद्र नाथ मिश्र, संतोष दीक्षित, अशोक पाण्डेय, राधेश्याम यादव, बड़ेलाल यादव, सुनील कुमार तिवारी,संतोष वर्मा,राजीव जौहरी, धर्मात्मानंद सिंह, अंजनी सिंह आदि ने हर्षित होते हुए बधाई दिया।