
बस्ती। शहर की सुंदरता में चार चांद लगाने के लिए मुख्य चौराहों पर फव्वारे लगवाए गए लेकिन अब ये बेमतलब हो गए हैं। एक दशक पहले लाखों रुपये की लागत से लगे इन फव्वारों के नहीं चलने से शहर की सुंदरता पर ग्रहण लग गया है।एक दशक पहले शहर को सुंदर दिखाने के लिए रोडवेज तिराहे,कंपनी बाग,बड़ेवन, बीडीए के सामने फव्बारा चौराहा,शास्त्री चौक पर फव्वारे लगवाए गए हैं।फव्वारों की वजह से चौराहों की सुंदरता बढ़ गई थी। कुछ दिन चलने के बाद ही सभी फव्वारे बंद हो गए। लाखों रुपये की लागत से लगे यह फव्वारे बेकार पड़े हुए हैं। जिससे शहर की सुंदरता पर ग्रहण लग रहा हैलेकिन इन चौराहों के सुंदरीकरण के लिए कोई ठोस पहल नहीं हुआ। दर्जनों स्थानों पर महापुरुषों की प्रतिमाएं भी लगवाई गई थीं। वह भी उपेक्षित हैं। इन प्रतिमाओं की देखरेख करने वाला कोई नहीं है। धूल की मोटी परत से महापुरुषों की प्रतिमाएं ढ़क उठी हैं। समय बीता तो चौराहों के रौनक में और चार चांद लगने के बजाय फीका पड़ गया।

रोडवेज तिराहे पर रोडवेज तिराहे पर दो दशक पूर्व सरदार भगत सिंह की प्रतिमा स्थापित कर छोटा सा पार्क बनाया गया था। मगर अतिक्रमण के चलते यह स्थल भी रौनक नहीं बिखेर पाया। वर्तमान में नजदीक से निहारने पर ही यह पार्क दिख रहा है। पार्क के अंदर गंदगी फैली है। फव्बारे की मशीनें भी सड़ने लगी हैं। पार्क के अंदर की हरियाली गायब है।
घोड़े पर बैठे नेहरूजी का पार्क बदहाल:- रोडवेज से 50 मीटर दूर स्थित तिराहे पर घोड़े पर बैठे नेहरूजी की प्रतिमा गोलंबर के बीच बनाई गई है। मगर, यहां नियमित सफाई नहीं होती है। गोलंबर में हरियाली और लाइट की व्यवस्था बदहाल हो गई है।
कंपनी बाग गुरु गोविंद सिंह साहिब का निशान:- कंपनी बाग, शहर के वीआईपी चौराहों में शुमार है। यहां एक दशक पहले सिख समुदाय की सहभागिता से गुरु गोविंद सिंह साहिब के निशान का निर्माण किया गया। इसके अलावा प्रकाश की जगमगाहट के साथ ट्रैफिक सिग्नल का इंतजाम हुआ। यह व्यवस्था बहुत दिनों तक चल नहीं पाई। वर्तमान में यह चौराहा बदहाल है। ट्रैफिक सिग्नल खराब है।
बड़ेवन में उपेक्षित है आचार्य राम चंद्र शुक्ल की प्रतिमा:- एनएचएआई की सड़क से शहर में प्रवेश करते ही बड़ेवन चौराहा है। यहां पांच साल पहले आचार्य राम चंद्र शुक्ल की आदमकद की प्रतिमा स्थापित हुई। चारों तरफ पार्क बनाया गया। इसी के बाद इस स्थल को उपेक्षित छोड़ दिया गया। पार्क में एक पौधे भी नहीं लगाए गए। अब यहां अवैध टैक्सी स्टैंड संचालित हो रहा है।
फव्बारा चौराहा की हालत दयनीय:- सदर तहसील के पास फव्वारा चौराहा डेढ़ दशक पहले जिस सौंदर्य को प्राप्त किया था, आज वह खत्म हो चला है। यहां फव्वारा मशीन का अब अवशेष बचा है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा बदरंग हालत में है। फुलवारी भी गायब है। फल और टैक्सी वालों की भरमार है।
शास्त्री चौक भी उपेक्षित पड़ा:- शहर का शास्त्री चौक भी उपेक्षित हो गया है। सांसद ने यहां लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा के पास तिरंगा लगवाया था। इसके बाद से इस चौराहे को विकसित नहीं किया गया है। यहां चारों तरफ सब्जी एवं ठेले वालों का अतिक्रमण है। जबकि इसी रास्ते जिले के आला अफसर गुजरते हैं।
पांच साल पहले गोद लेने की बनी थी योजना:- शहर के प्रमुख चौराहों को संवारने के लिए पांच साल पहले तत्कालीन डीएम ने योजना तैयार की थी। इसके तहत प्रमुख चौराहों को निजी एवं सरकारी क्षेत्र के बैंक, व्यापारी संगठनों व अन्य कारपोरेट एजेंसियों को गोद लेने के लिए आह्वान किया गया। मगर, यह योजना कागज में होकर रह गई। इसके बाद एडीजी गोरखपुर ने भी यहां भ्रमण के दौरान पुलिस अधिकारियों को चौराहों को विकसित करने के लिए प्रेरित किया था। मगर, उनके जाने के बाद यह योजना कागजों में खो गयी।
नगरपालिका अध्यक्ष नेहा वर्मा ने बताया कि शहर के प्रमुख चौराहों को विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कार्ययोजना में प्रमुख चौराहों को शामिल किया जाएगा। निजी क्षेत्र की संस्थाओं से भी सहयोग की अपील की जाएगी।

नगर क्षेत्र में नगरपालिका द्वारा जो फव्वारे लगाए गए हैं। वह सब किसी न किसी खराबी के कारण बंद पड़े हैं। इसकी व्यवस्था की जा रही है। जल्द ही इनकी मरम्मत कराकर इन्हें चालू कराया जाएगा। – सुनिष्ठा सिंह , प्रभारी ईओ-एसडीएम