
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण नव्व बी.एल. मीणा ने पोस्ट बजट वेबिनार ऑन एग्रिकल्चर एंड रूरल प्रॉस्पेरिटी कम्प्रीहेन्सिव प्रोग्राम फॉर वेजिटेबल्स एंड फ्रूट्स कार्यक्रम में वर्चुअली प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में फल, शाकभाजी एवं अन्य औद्यानिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और हाईटेक नर्सरी की स्थापना की जा रही है। इसके साथ ही, वन ब्लॉक वन क्रॉप योजना पर विशेष जोर दिया जा रहा है। प्रदेश में औद्यानिक उपज के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य औद्यानिक निर्यात प्रोत्साहन बोर्ड का गठन किया गया है, जिसके तहत 165 देशों के राजनयिकों से निर्यात मांग-पूर्ति को लेकर पत्राचार किया गया है।
प्रदेश में पांच सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, 23 मिनी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और मनरेगा के सहयोग से हाईटेक नर्सरी स्थापित की जा रही हैं, जिससे किसानों को गुणवत्तायुक्त पौध तैयार कराई जा सके।
हापुड़ और कुशीनगर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर पोटेटो का कार्य प्रगति पर है, जबकि इंटरनेशनल पोटेटो सेंटर, लीमा, पेरू का दक्षिण एशिया केंद्र आगरा में स्थापित किया जा रहा है।प्रदेश में औद्यानिकी के विकास को गति देने के लिए केन्या, बेल्जियम और नीदरलैंड के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किए गए हैं। हाल ही में, 8 फरवरी 2025 को लखनऊ में आयोजित अंतरराष्ट्रीय आलू क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में फ्रेश वेजिटेबल्स एंड फ्रूट्स एक्सपोर्ट एसोसिएशन (वाफा), मुंबई और प्रदेश के आलू उत्पादक एफपीओ के बीच छह एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।खजूर एवं फूलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जोधपुर विश्वविद्यालय और एनबीआरआई लखनऊ के साथ समझौता किया गया है।
वहीं, ड्रैगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी, शहद और कैक्टस के विकास के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की योजना बनाई गई है। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 संचालित की जा रही है।प्रदेश में सूक्ष्म सिंचाई पद्धतियों को व्यापक रूप से अपनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त टॉपअप सहित 90 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इस अवसर पर निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण नव्व वी.बी. द्विवेदी सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।