
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में पालतू बिल्लियों में बर्ड फ्लू (H5N1) का मामला सामने आया है। यह देश में पहली बार है जब पालतू बिल्लियों में बर्ड फ्लू पाया गया है। प्रशासन ने 30 दिनों के लिए मटन, चिकन और अंडों की खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही, संक्रमित क्षेत्रों में दुकानों को सील करते हुए आसपास के इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। नगर निगम के वार्ड संख्या 6, 7, 8, 28, 29, 30, 31, 41 और 45 को संक्रमित क्षेत्र घोषित किया गया है।
प्रशासन ने बिल्लियों के संपर्क में आए लोगों को भी एहतियात बरतने की सलाह दी है। 18 बिल्लियों की मौत के बाद उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जिसमें दो बिल्लियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। पशु विभाग ने संक्रमित क्षेत्र में बिल्लियों के संपर्क में आए 65 लोगों के सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए। राहत की बात यह है कि इन सभी लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई।
बर्ड फ्लू और इसका प्रभाव
बर्ड फ्लू इन्फ्लुएंजा का एक प्रकार है, जिसका कारण ॥5हृ1 वायरस होता है। यह शुरुआत में पानी के पक्षियों से फैला, लेकिन बाद में मुर्गी पालन उद्योग को तेजी से संक्रमित करने लगा। घरेलू पोल्ट्री इससे संक्रमित हो सकते हैं, और अगर यह किसी पक्षी को संक्रमित करता है तो उसकी मृत्यु की संभावना अधिक होती है। हालांकि, संक्रमित पक्षी इस वायरस को 10 दिनों से अधिक समय तक फैला सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरस इंसान से इंसान में नहीं फैलता है, इसलिए अभी तक इसे महामारी नहीं माना गया है। हालांकि, यह पक्षियों से इंसानों में फैल सकता है, जिससे सावधानी बरतने की आवश्यकता है। प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक हैं।