नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद देश में अचानक हार्ट अटैक से होने वाली मौत की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. लोग इसके पीछे कोरोना वैक्सीन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. कुछ लोग इसे अफवाह मानते हैं तो कुछ लोग इसे सच मान रहे हैं. मंगलवार को राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने केंद्र सरकार की ओर से इस पर जवाब दिया. उन्होंने ये साफ कर दिया कि देश में अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौत के पीछे कोविड वैक्सीन मुख्य वजह नहीं है.इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यसभा में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के रिसर्च को भी पेश किया।
संसद के शीतकालीन सत्र में बुधवार को राज्यसभा में जेपी नड्डा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की स्टडी में यह स्पष्ट हुआ है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने से भारत में युवाओं और वयस्कों में अचानक मृत्यु का खतरा नहीं बढ़ा है. स्टडी का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि वास्तव में आईसीएमआर की इस स्टडी से पता चलता है कि कोरोना वैक्सीन से ऐसी मौतों की आशंका कम होती है।
आईसीएमआर की रिसर्च में यह दावा किया गया है कि इस तरह की मौतों के लिए 5 फैक्टर्स जिम्मेदार बताया था. इसके लिए आईसीएमआर की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी ने 18 से 45 साल के स्वस्थ लोगों पर अध्ययन किया है. तब ये बात साफ हुई है. यह रिसर्च 19 राज्यों और कई केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में कराया गया. 1 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2023 के बीच अस्पष्ट कारणों से अचानक हुईं मौत का कारण वैक्सीन नहीं है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट्स को ट्रैक करने के लिए एडवर्स इवेंट फॉलोविंग इम्यूनाइजेशन नाम से एक मजबूत सर्विलांस सिस्टम बनाया गया है.वैक्सीनेशन सेंटर्स पर एनाफिलेक्सिस किट उपलब्ध कराई जाती है और वैक्सीन लगाए जाने के बाद हर किसी को अनिवार्य रूप से 30 मिनट तक ऑब्जर्वेशन में रखा जाता है.