
लखनऊ। साल 1991 के बाद इस साल मार्च का पहला सप्ताह बेहद गर्म जा रहा है।रंगों का त्योहार होली बीतते ही अचानक बढ़े पारे ने लोगों का पसीना छुड़ा दिया है।मौसम विभाग के मुताबिक राजधानी लखनऊ में साल 2006 के बाद इतनी गर्मी पड़ी है।लखनऊ में शनिवार को अधिकतम पारा 36.9 डिग्री रहा,वाराणसी में 34 साल बाद मार्च के पहले सप्ताह में पारा 39.9 सेल्सियस तक पहुंच गया,प्रयागराज, चुर्क, फुर्सतगंज समेत आधा दर्जन से अधिक जगहों पर पारा 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
प्रयागराज में शनिवार पारा सामान्य से 6.7 डिग्री अधिक 39.6 पारा रहा। सोनभद्र जिले के चुर्क में पारा सामान्य से 8.2 डिग्री अधिक तो फुर्सतगंज में 37.0 रहा, जो सामान्य से 6.3 डिग्री अधिक था।झांसी में तापमान 37.7 डिग्री रहा। अमौसी मौसम केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल सिंह के मुताबिक लखनऊ में 2006 के दौरान सात मार्च को पारा 36.6 था। मार्च के पहले सप्ताह को देखें तो 1991 से अब तक यह शनिवार सबसे गर्म दिन रहा।
पारा अधिक होने के दो प्रमुख कारण रहे। पहला माह की शुरुआत में पारा चढ़ना शुरू हुआ। मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ ने असर दिखाया। बादलों से रात का पारा 20 डिग्री पहुंच गया। इससे सुबह पारा सीधे 20 डिग्री से बढ़ा। विक्षोभ ने पश्चिमी यूपी में बादल-बारिश की तो मध्य, दक्षिण और पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिन के समय आसमान साफ रहा।
मौसम विभाग के मुताबिक विक्षोभ का असर रविवार शाम तक लगभग खत्म हो जाएगा। इसके बाद सोमवार और मंगलवार को तेज सतही पछुआ चलेगी। इससे तापमान में थोड़ी गिरावट आएगी। बुधवार से पारा फिर चढ़ना शुरू होगा।
कानपुर में मार्च महीने में पड़ रही गर्मी ने 52 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सीएसए के पास जो रिकॉर्ड है उसके मुताबिक 1972 मार्च को ऐसी गर्मी पड़ी थी। इससे पहले का रिकॉर्ड ही उपलब्ध नहीं है। शनिवार को अधिकतम पारा 35.4 डिग्री सेल्सियस हो गया जो सामान्य से 5.6 डिग्री सेल्सियस अधिक है। यह सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के कारण अभी भी आंधी-पानी की संभावना बनी हुई हैं।
आठ मार्च से अब तक अधिकतम पारा नरम नहीं पड़ा है। शुक्रवार को अधिकतम पारा 34 डिग्री रहा था जो सामान्य से 4.4 डिग्री अधिक था। शनिवार को पारा 35.4 डिग्री हो गया। न्यूनतम पारा शुक्रवार को 17.4 डिग्री था जो शनिवार को 17.6 डिग्री सेल्सियस हो गया। यह सामान्य से 04.2 डिग्री अधिक है। पहली मार्च को न्यूनतम पारा 18 डिग्री रहा था। प्रदेश के कई जनपदों में रात का पारा 26 डिग्री तक पहुंच गया है। इससे संकेत मिल रहा है कि विक्षोभ के गुजरने के 48 घंटों के बाद तापमान में तेजी से वृद्धि होगी।
मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभकी वजह से उतार-चढ़ाव अधिक दिख रहा है। अगले 48 घंटों में शहर का मौसम करवट ले सकता है पर तापमान चढ़ने से राहत के आसार कम हैं, फिलहाल उत्तर प्रदेश के 42 जिलों में बूंदाबांदी हुई जिससे प्रदेशवासियों को गर्मी से राहत मिलने के हैं आसार, इस बार गर्मी का रहेगा प्रचंड रूप।