
रिपोर्ट: सौरभ पाठक।
अकराबाद(अलीगढ़)। क्षेत्र के गांव बहादुरपुर में ग्राम प्रधान के तत्वावधान में प्रांगण में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन हुआ। कथा में परीक्षित महाराज कुंवर पाल सिंह व उनकी पत्नी श्रीदेवी, श्री सोनू बघेल (जे.ई.) व उनकी पत्नी प्रेम लता बघेल (ग्राम प्रधान, बहादुरपुर) ने श्रद्धापूर्वक कथा श्रवण किया। आचार्य तनुज शर्मा ने वेदमंत्रों के उच्चारण के साथ कथा को विधिपूर्वक संपन्न कराया। वहीं, संगीत कलाकारों ने मधुर व करुणामय भजनों से भक्तों को भाव-विभोर कर दिया। तृतीय दिवस की कथा में व्यास जी ने ध्रुव चरित्र, कपिल-देवहूति संवाद, सती चरित्र, राजा परीक्षित को श्राप की कथा का मधुर वर्णन किया।
कथा व्यास पूज्य स्वामी श्री तपेशानंद जी महाराज ने ध्रुव चरित्र कथा का वर्णन करते हुए कहा कि हमारी माताओं को अपने पुत्रों को ऐसा ज्ञान देना चाहिए, जैसा माता सुनीति ने अपने पुत्र ध्रुव को दिया। सुनीति ने अपने पुत्र को प्रभु के भजन हेतु अल्प आयु में ही खुशी-खुशी जंगल जाने की आज्ञा दे दी थी।
महाराज श्री ने आगे बताया कि भजन के प्रताप से मानव के त्रितापों (दैहिक, दैविक, भौतिक) का नाश हो जाता है। चारों वेदों और समस्त ग्रंथों का सार भागवत जी में समाहित है। वेदों, पुराणों व उपनिषदों के अध्ययन से जो पुण्य प्राप्त होता है, उतना ही पुण्य श्रीमद्भागवत जी के मूल पाठ से प्राप्त हो जाता है, इसमें किंचित मात्र भी संदेह नहीं है।
भागवत कथा के श्लोकों के श्रवण, गायन व निर्मल मन से कथा में बैठने मात्र से मानव का मंगल हो जाता है, कल्याण हो जाता है और जीव तर जाता है।
“नाम जप से मिलता है मोक्ष”
व्यास जी ने नाम जप की महिमा बताते हुए कहा कि हमारे वेदों में नाम की महिमा का गुणगान किया गया है। कलियुग में प्रभु का नाम स्मरण, चिंतन, मनन व ध्यान ही मानव को सभी प्रकार के भय से मुक्त करता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने-अपने इष्ट देवता के नाम का निरंतर स्मरण करना चाहिए।
जो प्रतिपल प्रभु नाम का ध्यान करते हैं, वे श्रीकृष्ण के हो जाते हैं। नाम रूपी रस में डूबकर रसिक हो जाते हैं, और फिर प्रभु भक्त के तथा भक्त प्रभु के हो जाते हैं। दोनों में कोई भेद नहीं रहता, वे एकाकार हो जाते हैं।
परमात्मा में लीन हो जाना ही मुक्ति कहलाती है, और श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से ही मानव मायारूपी बंधनों से मुक्त हो जाता है। इसीलिए भागवत जी को मोक्ष प्रदायक ग्रंथ कहा गया है।
सैकड़ों श्रद्धालुओं ने कथा का श्रवण किया
इस अवसर पर कुंवर पाल सिंह, सोनू बघेल (जे.ई.), रामवती देवी, प्रेम लता बघेल (ग्राम प्रधान, बहादुरपुर), रमेश चंद्र, राजेंद्र सिंह, पवन बघेल, भूरा, उपेंद्र सिंह गुड्डू, महिपाल, सुधीर अग्रवाल, विशाल शर्मा (हरिबोल), शुकदेव, राधे जी साउंड वाले सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने अमृतरूपी भागवत कथा रस का पान किया।