
नई दिल्ली। अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने वाले 119 भारतीयों में 2 वांटेड अपराधी भी हैं। पंजाब पुलिस ने अमृतसर में अमेरिकी वायु सेना का विमान उतरते हुए इन दोनों वांटेड आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। यह दोनों चचेरे भाई हैं और पटियाला में एक मर्डर के आरोपित हैं।
इन दोनों का नाम प्रदीप और संदीप है। दोनों राजपुरा के रहने वाले वाले हैं और इनके खिलाफ 2023 में मुकदमा दर्ज किया गया था। उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नानक सिंह ने बताया कि अमृतसर एयरपोर्ट से उन्हें गिरफ्तार किया गया। पुलिस को इनकी लम्बे समय से तलाश थी लेकिन यह बचने के लिए डंकी के रास्ते भारत से भाग गए थे। उनके परिवार ने बताया है कि दोनों को भारत से बाहर भेजने को ₹1 करोड़ 20 लाख खर्च किए थे।
इनके डिपोर्ट होने की सूचना मिलने पर पर पुलिस पहले ही एयरपोर्ट पहुँच गई थी। यह अमेरिका से आने वाली दूसरी डिपोर्टेशन फ्लाइट में आए हैं। इन 119 डिपोर्ट होने वालों में 65 पंजाब जबकि 33 हरियाणा से हैं। बाकी राज्यों से भी लोग हैं। इससे पहले 104 लोगों का एक जत्था भारत आ चुका है।दूसरे जत्थे के तौर पर अमृतसर पहुंचे 119 लोगों में 67 पंजाबी शामिल हैं। इनमें गुरदासपुर से 11, होशियारपुर से 10, कपूरथला से 10, पटियाला से सात, अमृतसर से छह, जालंधर से पांच, फिरोजपुर से चार, तरनतारन से तीन, मोहाली से तीन, संगरूर से तीन, रोपड़ से एक, लुधियाना से एक, मोगा से एक, फरीदकोट से एक और फतेहगढ़ साहिब से एक शामिल है।
दरसअल 25 जून 2023 को पटियाला के राजपुरा सिटी थाने में दर्ज स्नढ्ढक्र के मुताबिक, शिकायतकर्ता हरमनजोत ने जानकारी दी थी कि दाना मंडी के करीब उनकी रेहड़ी लगती है। वहां 25 जून की रात 10.30 बजे हसमुख सिंह उनकी रेहड़ी पर आया । हसमुख ने अपने दोस्तों संदीप सिंह उर्फ सनी और सुखदेव सिंह को बुला लिया। तलवारों से आरोपियों ने शिकायतकर्ता हरमनजोत के भाई सचंदर सिंह और फूफा सरवन सिंह पर हमला कर दिया। घटना के कुछ देर बाद ही आरोपी वहां फिर से आ गए और तलवारों से सचंदर सिंह और सरवन सिंह पर हमला कर दिया। इसमें दोनों घायल हो गए। मौके पर मौजूद लोगों ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया। वहां सरवन सिंह को डॉक्टरों ने मृत घोषित किया। दोनों भाइयों पर आरोप है कि ये गांव ढींडसा के रहने वाले हसमुख के साथ दाना मंडी पहुंचे थे। यहां फल विक्रेताओं के साथ हुए झगड़े में ये दोनों साथ थे। हसमुख के कहने पर ही संदीप और प्रदीप तलवारें लेकर दाना मंडी पहुंचे थे।