मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में रेलवे स्टेशन के सामने एक मस्जिद और चार दुकानों वाली ज़मीन को शत्रु संपत्ति घोषित किया गया है। यह ज़मीन पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान के परिवार के नाम है।शत्रु संपत्ति विभाग की तरफ से जिला प्रशासन को पत्र भेजकर डीएम को निर्देश दिया है कि उक्त संपत्ति का नियंत्रण और प्रबंधन अपने हाथ में ले लें। प्रशासन की तरफ से भूमि को खाली कराने के लिए उस पर काबिज लोगों को नोटिस दिया जाएगा।
शत्रु संपत्ति घोषित करने के लिए हुई थी शिकायत
बता दें कि रेलवे स्टेशन के सामने स्थित खसरा नंबर 930 की 0.0820 हेक्टेयर भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित कराने के लिए राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के राष्ट्रीय संयोजक संजय अरोरा ने जिला प्रशासन समेत उच्चाधिकारियों को शिकायत पत्र दिए थे और प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपे थे।भूमि पर मस्जिद के साथ ही कई दुकानें और होटल बने हुए हैं। अभिलेखों में यह संपत्ति नवाब सज्जाद अली खां पुत्र रुस्तम अली खां के नाम है।
लियाकत अली खां पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने थे
रुस्तम अली खान के बेटे लियाकत अली खान पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने थे। लियाकत अली का पूरा खानदान यहां से पाकिस्तान चला गया था। वहीं सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने भी शत्रु संपत्ति का मुद्दा संसद में उठाया था।मामले में डीएम उमेश मिश्रा के निर्देशन में गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने भी इसकी जांच की थी और इसे प्रारंभिक तौर पर शत्रु संपत्ति माना था। इसके पश्चात लखनऊ से शत्रु संपत्ति के पर्यवेक्षक प्रशांत सैनी ने सिटी मजिस्ट्रेट के साथ यहां पहुंचकर निरीक्षण किया था। इसके बाद भूमि पर काबिज लोगों को अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया था और लखनऊ में इसकी सुनवाई हुई थी।
तीन दिसम्बर को रखा था पक्ष
तीन दिसंबर को मस्जिद कमेटी के जिम्मेदार लोगों ने अपना पक्ष रखा था, जिसके बाद पांच दिसंबर को इसे शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया। शत्रु संपत्ति के उप संरक्षक राजेंद्र कुमार ने इस संबंध में जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को पत्र भेजा है, जिसमें संपत्ति पर कब्जा लेने और इसके नियंत्रण और प्रबंधन भी संभालने के लिए कहा है।
रुस्तम अली खान के नाम से है वक्फ
भूमि पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान के पिता नवाब रुस्तम अली खान के नाम वक्फ होनी बताई गई थी। भूमि पर बनी मस्जिद की देखरेख कर रहे मुजीबुर इस्लाम ने इस संपत्ति को अपनी संपत्ति बताते हुए सिविल जज जूनियर डिवीजन में वाद दायर किया था। वहीं, राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के संयोजक संजय अरोरा ने इसी कोर्ट में पक्षकार बनने को प्रार्थनापत्र दिया था। इस मामले में आगामी नौ दिसंबर को कोर्ट में सुनवाई होगी।
नजीर बना आदेश तो कई संपत्तियां आएंगी जद में
रेलवे स्टेशन के सामने की भूमि को शत्रु संपत्ति घोषित करने के साथ ही यदि यह नजीर बनता है तो शहर में अन्य भी कई स्थानों पर बड़ी संपत्तियां इसकी जद में आ जाएंगी। क्योंकि सज्जाद अली खान के पिता नवाब रुस्तम अली खान के नाम पर 500 बीघा से ज्यादा संपत्ति बताई जाती है। हालांकि इसको लेकर पूर्व में कई बार मामला कोर्ट तक पहुंचा। वर्ष 2019 में इस संपत्ति के बैनामे होने पर रोक तक लगा दी गई थी।