प्रयागराज। इलाहाबाद विवि के दीक्षांत समारोह में कवि डॉ. कुमार विश्वास को मुख्यमंत्री ने मानद उपाधि से नवाजा। डॉ. विश्वास ने कहा कि भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और आध्यात्मिक चेतना के प्रसारण के लिए मैं जो भी कर रहा हूं, उसकी प्रेरणा, उसकी दीप्ति मेरे अंदर इविवि परिसर से ही आलोकित हुई।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भरत की तरह से ही रामराज्य की अवधारणा को साकार कर रहे हैं। पदक पाने वाले आठ मेधावियों में सात छात्राओं को लेकर डॉ. विश्वास ने कटाक्ष करते हुए कहा कि मैं अपने राजनीतिक मित्रों से कह रहा था कि लड़कों को तो तुम समाजवादी युवजन पार्टी और भारतीय जनता युवा मोर्चा में ले जा रहे हो तो वह मेडल कहां से लाएंगे। आगे कहा कि सामने बैठे हुए हमारे मित्र मंच पर कविता के महंगे हो जाने का ताना मारते हैं तो मैं उनसे यही कहता हूं कि मैं एक पंक्ति के योग्य भी नहीं हुआ हूं, पर कहीं न कहीं एक समय ऐसा था कि जब महाप्राण निराला उपेक्षा के शिकार बने थे, शायद उसका ही बदला ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में राजनीति तो होनी चाहिए। चाणक्य के परिसर में अगर चंद्र गुप्त नहीं होंगे तो कहां होंगे। एकेडमिक में राजनीति का दखल बढ़ा है, लेकिन मेरा मानना है कि शासन और सत्ता शिक्षा के प्रबंधन और नियंत्रण के लिए होना चाहिए। कुमार विश्वास छात्र संसद के प्रश्न पर बोले कि यह प्रशासन से जुड़ा है वह अलग विषय है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ में उन्हें अपने राम की चर्चा का अवसर पूज्य संतों की तरफ से मिला है और वह इस पुण्य अवसर के अवश्य भागीदार होंगे।