
प्रयागराज। जस्टिस यशवंत वर्मा की इलाहाबाद हाईकोर्ट में नियुक्ति के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील आज से हड़ताल पर चले गए हैं। वकीलों ने हाईकोर्ट के सामने प्रदर्शन किया। वकीलों ने दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरित किए जाने के विरोध में प्रदर्शन किया है।
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।सोमवार को जस्टिस यशवंत वर्मा को लेकर सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की तरफ से एक बैठक हुई थी। कोलेजियम ने इस बैठक के बाद जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजने के फैसले का समर्थन किया था। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की जनरल बॉडी की मीटिंग के बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अपील की गई थी कि जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट न भेजा जाए।
बार एसोसिएशन ने केंद्र सरकार और सीजेआई से जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाए जाने की मांग की थी।इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की जनरल बॉडी की मीटिंग लाइब्रेरी हॉल में सोमवार को संपन्न हुई थी। इस मीटिंग में 11 प्रस्ताव पास किए गए। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने प्रस्ताव पास करते हुए सीजेआई से मांग की थी कि जस्टिस यशवंत वर्मा का इलाहाबाद हाईकोर्ट तबादला ना किया जाए। बार एसोसिएशन ने कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट डंपिंग ग्राउंड नहीं है।
जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर आग लगने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा था। दरअसल जिस समय ये आग लगी उस वक्त समय यशवंत वर्मा घर पर नहीं थे। इस दौरान पुलिस और फायर ब्रिगेड ने आग तो बुझा दी,लेकिन दावा किया गया कि इनके घर से बड़ी संख्या में जले हुए नोट भी बरामद हुए। हालांकि नोटों का यह ढेर जलकर खाक हो चुका था।
इस मामले में दिल्ली फायर सर्विस के चीफ का भी बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि जज के घर पर आग बुझाने के दौरान कोई कैश नहीं मिला। हालांकि बाद में जज के घर के बाहर से भी जले हुए नोट बरामद हुए। अब इस मामले ने तूल पकड़ा हुआ है।