
•जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ गुस्सा, कैट के वकीलों ने भी ठप किया काम
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों का कार्य बहिष्कार बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। आज फोटो आईडेंटिफिकेशन सेंटर पर भी ताला लगा दिया गया है। आंदोलन और गतिरोध के बीच विधि मंत्रालय भारत सरकार के बुलावे पर वार्ता के लिए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी दिल्ली पहुंच गए हैं।

जस्टिस यशवंत वर्मा का इलाहाबाद हाईकोर्ट में तबादला होने के बाद जारी वकीलों की हड़ताल के बीच हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी दिल्ली पहुंच गए हैं। विधि मंत्रालय के बुलावे पर वह दिल्ली पहुंचे हैं। गतिरोध को हल करने के संबंध में कोई वार्ता हो सकती है। इसके बाद ही आगे की रणनीति तय होगी।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित सरकारी आवास के बाहर भारी मात्रा में नोटों की गड्डी मिलने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता जांच की मांग करने पर अड़े हैं। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम द्वारा जस्टिस वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट करने की सिफारिश पर वकीलों का गुस्सा फूट पड़ा है। दो दिन से अधिवक्ता कार्य से विरत हैं और हाईकोर्ट मुख्य द्वार के सामने मंच लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार को भी आंदोलन जारी रहा। इसी बीच विधि मंत्रालय के बुलावे पर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी दिल्ली पहुंच गए हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकीलों की हड़ताल जारी है। भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का स्थानांतरण इलाहाबाद हाईकोर्ट करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्णय हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को कतई मंजूर नहीं है। बार एसोसिएशन के ऐलान पर हाईकोर्ट के वकीलों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।
बुधवार को भी वकीलों के हड़ताल पर रहने से 10 हजार से अधिक मुकदमों की सुनवाई नहीं हो सकी। यूपी के अन्य जिलों से आने वाले वादकारी परेशान हैं। पूरे दिन वकीलों ने सुंदर कांड का पाठ किया। यह कहकर हनुमान चालीसा का पाठ किया कि सुप्रीम कोर्ट के जजों को सदबुद्धि आए। अलग अलग मंचों से वकीलों ने हुंकार भरी। बुधवार को भी हाईकोर्ट के कई गेटों पर विरोध प्रदर्शन किया गया। हाईकोर्ट बार के ऐलान पर कैट के वकील भी हड़ताल पर चले गए हैं, ऐसे में वहां भी कामकाज ठप है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने साफ कर दिया है कि वह झुकेंगे नहीं। हड़ताल पूरी तरह जारी रहेगी। जब तक सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला वापस नहीं लेता इस मामले पर वार्तालाप नहीं होगी। बुधवार को बार एसोसिएशन ने बैठक बुलाई। इसमें आंदोलन को और धार देने पर चर्चा हुई। हड़ताल शुरू होने के बाद से किसी भी वकील को परिसर में जाने नहीं दिया जा रहा है। वकीलों के न्यायिक कार्य से विरत रहने के कारण न्यायालय में कामकाज बुरी तरीके से प्रभावित है। वकीलों के अदालत न आने की वजह से हजारों मुकदमों में तारीख लग गई। न्यायाधीश अपने तय समय पर अदालत आ रहे हैं। वकील कोर्ट रूम पहुंच उन्हें हड़ताल के बारे में अवगत करा रहे हैं।
अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की गरिमा पर कुठाराघात के प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वकीलों का कहना था कि न्यायालय में भ्रष्टाचार की जड़ में जजों के रिश्तेदारों का इस न्यायालय में प्रैक्टिस करना है। उससे न्यायाधीश अंकल जज सिंड्रोम (भाई भतीजावाद) से ग्रसित रहते हैं। कहा गया कि भ्रष्टाचार का सामना कर रहे जज को उनके पैतृक न्यायालय में भेजने का निर्णय उन्हें पुरस्कृत करने जैसा है न कि दंड देना है।
वकीलों का कहना था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में जजों के पद बड़ी संख्या में रिक्त हैं। इससे मुकदमों का बोझ लगातार बढ़ रहा है। बैठक में बार के कुछ पदाधिकारियों के अनुपस्थित होने पर उन्हें चेतावनी दी गई कि वे बैठक में उपस्थित नहीं होते तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। हाईकोर्ट बार कार्यकारिणी की दिन में फिर बैठक हुई जिसमें हाईकोर्ट के विभिन्न प्रवेश द्वारों पर वकीलों को रोकने के लिए टीमें गठित की गई।
इन टीमों को जिम्मेदारी सौंपी गई कि सुबह नौ बजे से गेट पर रहकर अधिवक्ताओं को न्यायालय में जाने से रोकेंगे और उसके बाद न्यायालयों में जाकर जजों से काम नहीं करने का अनुरोध करेंगे। हाईकोर्ट बार ने न्यायाधीशों से भी उनकी हड़ताल में सहयोग करने का अनुरोध किया है।
आम सभा की बैठक का संचालन महासचिव विक्रांत पांडेय ने किया। आमसभा में उपाध्यक्ष अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, अखिलेश कुमार मिश्र, सुभाष चंद्र पांडेय, नीरज त्रिपाठी, सुमित श्रीवास्तव, अभिजीत पांडेय, पुनीत शुक्ल, आंचल ओझा, रणविजय सिंह सहित कार्यकारिणी के सदस्य और बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित थे।