अयोध्या। जनपद में सप्तसागर कालोनी में निर्माणाधीन मकान को अवैध कब्जा बताकर रातों-रात प्रशासन द्वारा ढहा दिया गया। पीड़ित मनीष गुप्ता, संतोष गुप्ता ने अधिकारियों के समक्ष अपनी रजिस्ट्री के कागज व जमीन का अयोध्या विकास प्राधिकरण से पास कराया नक्शा दिखाया, लेकिन प्रशासन ने एक नहीं सुनी और निर्माणधीन मकान को ध्वस्त करा दिया। पीड़ित दर-दर भटकने को मजबूर हैं। वैश्य समाज के लोगों में प्रशासन के इस मनमाने पूर्ण रवैए से रोष व्याप्त है।
उसी के संबंध में पीड़ित मनीष गुप्ता संतोष गुप्ता के घर पहुंच कर भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष बस्ती कसौधन समाज के प्रदेश अध्यक्ष पवन कुमार कसौधन, बस्ती से महासभा के युवा प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज कसौधन, महाराष्ट्र की धरती से पधारे नूतन प्रकाश, उनके साथ में चलकर के आए बैजनाथ कसौधन, समाज के जिला अध्यक्ष अशोक गुप्ता, महानगर अध्यक्ष संजय गुप्ता , युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष रामबाबू प्रदीप प्रधान, कसौधन समाज के मीडिया प्रभारी आनंद गुप्ता, अजय गुप्ता, रामतेरस, विमल गुप्ता, नंदिनी स्कूल के प्रवक्ता डॉक्टर अखिलेश आदि ने हाल-चाल लिया और विश्वास दिलाया कि आपके साथ जो अन्याय हो रहा है, आप अकेले नहीं है; पूरा समाज आपके साथ खड़ा है। सरकार अगर जल्द से जल्द आपके साथ न्याय नहीं करती है तो हमारा समाज जिले में बहुत बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
पीड़ित मनीषा गुप्ता, संतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि यह जमीन अयोध्या प्रसाद नामक व्यक्ति से खरीदी है। 2018 में रजिस्ट्री हुई। अयोध्या प्रसाद कूटरचित या फर्जी कागजात से जमीन का बैनामा किया तो राजस्व विभाग के जिम्मेदार कुछ नहीं देखे। जिसके बाद जमीन का नक्शा पास कराया था। नक्शा पास करने में अयोध्या विकास प्राधिकरण में लगभग 3 लाख रुपये भी दिए। नियम कानून के दायरे में हमने अपनी जमीन पर नक्शा पास कराया था। बाकायदा दाखिल खारिज बैनामा कराने के बाद नक्शा पास होने पर हमने लोन लेकर घर का निर्माण कराया। परिवार ने यह भी आरोप लगाया है कि जब इस पर घर नहीं बन सकता था तो नक्शा क्यों पास हुआ? क्यों हुआ बैनामा? क्यों हुआ दाखिल खारिज? आज जब घर बनकर तैयार हो गया तो बुलडोजर लेकर गिराने आ गए। यह कहां का न्याय है।