
सुरेन्द्र नगर, लखनऊ।
श्रीमद् देवी भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के अंतर्गत सुरेन्द्र नगर, कमता स्थित मनकामेश्वर शनि हनुमान मंदिर में चल रही नौ दिवसीय कथा के चौथे दिवस श्रद्धालु कृष्ण भक्ति में डूबे नजर आए। पूरे पांडाल में कृष्ण जन्मोत्सव उल्लास और भक्ति भाव से मनाया गया।
कथावाचक डॉ. कौशलेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की लीला सुनाई। “नंदलाला प्रकट भए आज”, “बिरज में लड्डूआ बंटे”, “नंद के घर आनंद भयो”, “जय कन्हैया लाल की…” जैसे भजनों पर श्रद्धालु भाव-विभोर होकर झूमते रहे। नंद और यशोदा के लाला के जयघोष से वातावरण गुंजायमान हो गया। जन्मोत्सव के उपरांत विधिवत श्रीकृष्ण पूजन के बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद स्वरूप मिठाई का वितरण किया गया।
बलि-वामन प्रसंग की संगीतमय प्रस्तुति करते हुए शास्त्री जी ने बताया कि प्रभु विष्णु ने वामन रूप में आकर राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी। गुरु शुक्राचार्य द्वारा ईश्वर का साक्षात्कार कराए जाने पर भी राजा बलि अपने संकल्प से नहीं डिगे। वामन रूपी प्रभु ने विराट स्वरूप धारण कर दो ही पग में सारा ब्रह्मांड नाप लिया और तीसरा पग रखने को कहा। जब भगवान ने राजा बलि से पूछा कि तीसरा पग कहाँ रखें, तो बलि ने अपने सिर पर रखने का आग्रह किया। प्रभु ने उसे स्वीकार किया और स्वयं उसके द्वारपाल बन गए। यह प्रसंग भक्ति और समर्पण का अनुपम उदाहरण बना।
इसके पश्चात भगवान श्रीराम के जन्म से कथा के अगले चरण का आरंभ हुआ। राम जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में शास्त्री जी ने श्रीराम के जीवन चरित्र का वर्णन करते हुए कहा—
“भगवान राम का जीवन हमें सिखाता है कि किससे कौन-सा नाता जोड़ा जाए।”
माता-पिता के साथ पुत्रवत्, पत्नी के साथ पति समान, भाइयों के साथ भ्रातृभाव, सेवकों के साथ स्वामित्व, गुरुओं के साथ शिष्य जैसा व्यवहार कैसा हो, यह सब श्रीराम का जीवन सिखाता है। राम राज्य में मानव ही नहीं, पशु-पक्षी भी प्रेम और सद्भाव से रहते थे। कथा में श्रीराम-सीता विवाह प्रसंग ने भी श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया।
कथावाचक शास्त्री जी ने आगे बताया कि—
“जीवन भर हम संबंधों की डोर से बंधे रहते हैं, लेकिन अगर ईश्वर से संबंध जोड़ लिया जाए, तो जीवन की सभी कठिनाइयाँ दूर हो सकती हैं। जिस क्षेत्र में जीवन में कमी हो, वहाँ ठाकुर जी को स्थापित कर दो, वे अवश्य उस संबंध को निभाएंगे।”
कार्यक्रम का समापन ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री द्वारा कराई गई विधिवत आरती व पूजन के साथ हुआ।
इस अवसर पर मुख्य यजमान राम उदय दास, सुमन मिश्रा, ज्योति मिश्रा, नीलम, नीरा, उमा, प्रिया, प्रियंका, रश्मि, रेखा, साधना, सरिता, सबित्री, सीमा, शालू, शिवा, लज्जा, राघव सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।