शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला और राज्य के ऊपरी क्षेत्र पिछले 24 घंटों से लगातार भारी बारिश और बर्फबारी हो रही है. जिसके चलते भूस्खलन होने लगा है और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं लगातार हो रही बारिश के चलते शिमला और आसपास के इलाकों में बर्फ पिघल गई है, जिससे तापमान में और गिरावट आ गई है. इसके बाद यहां हाड़ कंपा देने वाली ठंड शुरू हो गई है. बर्फबारी के चलते पर्यटकों की भले ही मौज हो गई हो लेकिन स्थानीय निवासियों के लिए ये किसी मुसीबत से कम नहीं है. क्योंकि यहां के ज्यादातर लोग दैनिक मेहनत मजदूरी से ही अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं।
शिमला में इन दिनों बर्फबारी हो रही है, लेकिन इस बीच बारिश भी होने लगी. जिससे पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी तो हुई लेकिन दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों की परेशानियां बढ़ गईं. गिरते पारे और लगातार बारिश ने स्थानीय लोगों और श्रमिकों के लिए मुश्किलें पैदा कर दीं. सबसे अधिक प्रभावित होने वालों में दिहाड़ी मजदूर शामिल हैं, जो आवश्यक सेवाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए गंभीर मौसम की स्थिति का सामना करते हैं.
घर-घर गैस सिलेंडर पहुंचाने वाले एक मजदूर ने बताया कि, शिमला में पिछले दो दिनों से मौसम बेहद खराब है, जिससे काम बहुत चुनौतीपूर्ण हो गया है. लगातार बारिश और जमा देने वाली ठंड के कारण सिलेंडर पहुंचाना एक कठिन काम बन गया है. ठंड असहनीय है, जिससे हमारा काम कठिन हो गया है.
उन्होंने कहा कि ठंड से निपटने के लिए बुनियादी सुविधाओं की कमी हो रही है. तापमान गिरने के बावजूद हमें सुबह से शाम तक काम करना पड़ता है. हमें ठंड से बचाने के लिए कोई सुविधाएं नहीं हैं. वहीं एक अन्य शख्स ने बताया कि, हमारी एक आपातकालीन सेवा है, इसलिए हमें मौसम की परवाह किए बिना काम करना होगा. कल से, भारी बारिश हो रही है और हालात खराब हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए कि लोगों के लिए सिलेंडर की कोई कमी नहीं है, हमें बारिश और ठंड के बावजूद उन्हें बांटना होता है।
उन्होंने कहा कि, हम मौसम के अनुसार अपने काम को खत्म करने की कोशिश करते हैं. लेकिन ठंड अधिक हो जाती है तो हमारे हाथ सुन्न हो जाते हैं, जिससे काम करना कठिन हो जाता है. लेकिन यह कुछ ऐसा है जिसे हमें सहना होगा ताकि लोगों को उनकी आवश्यक आपूर्ति सुनिश्चित हो सके.