बस्ती। जनपद में हर्रैया क्षेत्र के तमाम गांवों की फसलें टिड्डे चट कर जा रहे हैं। काफी कीटों का झुंड जिस भी खेत में पहुंच रहा है, उसमें फसल की पत्तियां खा ले रहे हैं। गन्ने की सैकड़ों बीघा फसल में कीटों के कारण पत्तियां गायब हैं। यहां तक कि घास भी खा चुके हैं। किसानों का कहना है कि धान की फसल भी इन कीटों ने नष्ट कर दी है। इसकी जानकारी उनको कटाई करने के बाद हुई। हड़ही पिकौरा गांव के किसान बताते हैं कि प्रति बीघा एक क्विंटल से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
गन्ने की खेती के लिए काफी उपजाऊ मानी जाने वाले इस इलाके की भूमि पर पर इस बार कई साल के बाद ज्यादा खेती की गई है। विभागीय जानकारी के अनुसार इस साल तकरीबन दो हजार एकड़ भूमि में गन्ने की खेती की गई है, लेकिन पौधे में लगा टिड्डा नामक कीटाणु अब किसानों को खून के आंसू रुला रहे हैं। दिन में टिड्डी धान की फसल के पत्ते खा रही है। जिस वजह से एक बीघा खेत में एक से डेढ़ क्विंटल ही धान निकल रहा है। धान की कटाई हो गई तो अब टिड्डी गन्ने की फसल बर्बाद कर रहे हैं। जिस जगह बैठ जाते हैं, वहां घास-फूस तक नहीं बचता।
रात में नीलगाय, सांड़ तथा सुअर फसल नष्ट कर जाते हैं। अब एक और मुसीबत आ गई। जिस पौधे पर बैठ जाते हैं, उस की सारी पत्ती टिड्डी दल खा जाते हैं। तसला, पीपा बजाकर टिड्डी दल को भगाया जाता है, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता।
गन्ने की फसल के लिए समस्याओं में एक टिड्डी का हमला एक गंभीर समस्या हैं. टिड्डी का वजन महज 2 ग्राम होता है. टिड्डी खाती भी इतना ही है. लेकिन, जब यही टिड्डी लाखों-करोड़ों की तादाद में झुंड बनाकर हमला कर दे, तो चंद मिनटों में ही पूरी की पूरी फसल बर्बाद कर सकती है. ये बड़ी संख्या में एक साथ हमला करते हैं और फसल को चंद मिनटों में नष्ट कर देते हैं. जानकारों के मुताबिक, एक टिड्डी दिनभर में 100 से 150 किमी तक उड़ सकती और 20 से 25 मिनट में ही पूरी फसल बर्बाद कर सकती है।
●टिड्डा स्पर्शनाशी कीटाणुओं की श्रेणी में आते हैं। इसकी रोकथाम में सुबह-सुबह मिथाईल पैराफियान नामक पाउडर का छिड़काव काफी लाभदायक होगा। फसल पर अगर ज्यादा कीटाणुओं का प्रकोप हो तो क्लोरोपाइरीफास नामक लिक्विड दवा 12 सौ मिली 500 से 600 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर खेतों में एक सप्ताह के अंतराल पर सुबह के वक्त छिड़काव करें। सबसे पहले किसान दवा का इस्तेमाल खेतों के किनारे-किनारे ही करें। इसके बाद बीच में इस लिक्विड का छिड़काव करें तो स्पर्शनाशी टिड्डा कीटाणुओं का नाश होगा। ~डाॅ. बीआर मौर्य, जिला कृषि अधिकारी