
प्रयागराज। अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया है। इसके अलावा लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया गया है। इन दोनों को अखाड़े से भी निष्कासित कर दिया गया है। यह कार्रवाई किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने की है।
अजय दास ने शुक्रवार को कहा कि जल्द ही नए आचार्य महामंडलेश्वर की घोषणा की जाएगी। यह निर्णय अखाड़े के आंतरिक मतभेदों और अनुशासनात्मक कारणों के चलते लिया गया है। बताया जा रहा है कि मामता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद से अखाड़े में गुटबाजी और आंतरिक विवाद बढ़ रहे थे, जिसके चलते यह कठोर निर्णय लेना पड़ा।

गौरतलब है कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ही अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया था, लेकिन अब दोनों को अखाड़े से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इस फैसले के बाद किन्नर अखाड़े में नई रणनीति बनाई जा रही है और जल्द ही नए पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।
किन्नर अखाड़ा 2016 में स्थापित किया गया था और तब से यह लगातार धार्मिक आयोजनों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। अखाड़े के इस आंतरिक बदलाव को लेकर संत समाज और किन्नर अखाड़े के अनुयायियों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।
अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की पदवी दिए जाने को लेकर आचार्य लक्ष्मी नारायण के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी जा रही थी। अभिनेत्री को महामंडलेश्वर बनाने को लेकर किन्नर अखाड़े के भीतर ही विरोध शुरू हो गया था। किन्नर अखाड़े के संस्थापक अजय दास और आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी इस मसले पर आमने-सामने आ गए हैं। इसी बीच अजय दास ने लक्ष्मी नारायण के साथ ही ममता को भी पद से हटा दिया है।
उधर, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का कहना है कि अजय दास किस हैसियत से कार्रवाई करेंगे। वह तो किसी पद पर ही नहीं है। उनको तो पहले से ही अखाड़े से निकाला जा चुका है। किन्नर अखाड़े की ओर से शुक्रवार को मीडिया के सामने इस मुद्दे को लेकर वार्ता हो सकती है।
ऋषि अजय दास ने मीडिया को जारी पत्र में कहा है कि वर्ष 2015-16 में उज्जैन के महाकुंभ में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर पद पर नियुक्त किया गया था। जिस उद्देश्य को लेकर उनको पदवी दी गई थी, उससे वह भटक गए हैं। इसलिए उनको पदमुक्त किया जा रहा है। शीघ्र ही उन्हें इसकी लिखित सूचना दे दी जाएगी। यह भी आरोप लगाया कि बिना मेरी सहमति के 2019 के कुंभ में इन्होंने एक अनुबंध जूना अखाड़े के साथ कर लिया। जो कि अनैतिक ही नहीं विधि के अनुकूल भी है। जो कि एक जालसाजी है।
कहा कि फिल्मी दुनिया से ताल्लुक रखने वाली ममता बनर्जी को इन्होंने महामंडलेश्वर बना दिया। इससे सनातन धर्म की छवि धूमिल हो रही है। इससे मजबूर होकर लक्ष्मी नारायण के खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी।
वहीं आचार्य लक्ष्मी नारायण के निष्कासन से भड़का अखाड़ा परिषद, अध्यक्ष ने कहा- कौन हैं उन्हें निकालने वाले अजय दास-
किन्नर अखाड़े से महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और ममता कुलकर्णी के निष्कासन पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने नाराजगी जताई है। परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी बोले, मैं पूछना चाहता हूं कि आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को निकालने वाले ऋषि अजय दास कौन हैं। सभी 13 अखाड़ों ने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का समर्थन किया है। जूना अखाड़े ने अपने साथ स्नान करने का आश्वासन दिया था और जूना अखाड़ा उन्हें अपने साथ स्नान कराता है।
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि मैं कहना चाहता हूं लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी जूना अखाड़े के हिस्सा है। जिन अजय दास ने पत्र जारी करके लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को हटाने की बात कही है मैंने उनका पहली बार नाम सुना है। वह किन्नर अखाड़े का संस्थापक बनना चाहते हैं। हम सभी अखाड़े लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के साथ हैं। हम सभी उन्हें ही जानते हैं और उनके साथ जो सदस्य है हम उनको जानते हैं। उन्होंने (आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी) जितने भी साधु-संत बनाए हैं वह सभी संन्यासी है। जहां तक मुंडन की बात है तो जितने भी किन्नर अखाड़े के सदस्य है सबने मुंडन करवाया है और गले में माला धारण करते हैं। इनके साथ ऐसा करना अत्याचार है। हमको सबको लेकर चलना है। हमें जाति से ऊपर उठकर काम करना है। हम संन्यासी अगर साथ नहीं देंगे तो किन्नर समाज कहां जाएंगे। यह लोग हमारे हैं।