
लखनऊ। लखनऊ में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में शराब की दुकानों पर एक बोतल खरीदने पर एक बोतल मुफ्त देने की योजना से समाज में नशे को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इसी के विरोध में आम आदमी पार्टी ने प्रदेश के 70 जिलों में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि एक ओर प्रदेश में मुसलमानों को नमाज पढ़ने से रोका जा रहा है, तो दूसरी ओर सरकार ‘सौगात-ए-मोदी’ के नाम पर शराब बांट रही है। यह भाजपा की दोहरी राजनीति को दर्शाता है।उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अवैध बूचड़खानों को बंद करने और धार्मिक स्थलों के 500 मीटर के दायरे में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को लेकर भी संजय सिंह ने सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार धार्मिक स्थलों के पास मांस की बिक्री पर रोक लगा रही है तो इसी तर्क के आधार पर मंदिरों के आसपास शराब की दुकानों और उन रेस्टोरेंट को भी बंद किया जाना चाहिए जहां मांस बेचा जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का यह आदेश धार्मिक ध्रुवीकरण का एक प्रयास है और इसका वास्तविक उद्देश्य कुछ खास समुदायों को टारगेट करना है।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी संजय सिंह ने तीखी टिप्पणियां कीं।
उन्होंने कहा कि आरएसएस के 100 साल के इतिहास में कभी कोई दलित, पिछड़ा या आदिवासी व्यक्ति इसका प्रमुख नहीं बना। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आजादी के बाद 52 वर्षों तक आरएसएस मुख्यालय पर तिरंगा क्यों नहीं फहराया गया।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के हालिया बयान पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को आरएसएस की जरूरत नहीं है तो फिर लोकसभा चुनाव में सीटें घटने के बाद नरेंद्र मोदी संघ कार्यालय क्यों गए? उन्होंने दावा किया कि आरएसएस हमेशा से सीमित जातियों और एक खास विचारधारा का प्रतिनिधित्व करता रहा है और इसके नेताओं ने आज़ादी की लड़ाई में अंग्रेजों का समर्थन किया था।देश की विविधता को भारत की ताकत बताते हुए संजय सिंह ने कहा कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन, फारसी सहित सभी समुदायों से मिलकर भारत बनता है। अगर किसी एक समुदाय को कमजोर किया जाएगा तो देश मजबूत नहीं हो सकता।
उन्होंने भाजपा पर इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर सरकार ऐतिहासिक धरोहरों को मिटाने पर आमादा है तो क्या वह जीटी रोड, ताजमहल और लाल किला भी तोड़ देगी, जिन्हें मुस्लिम शासकों ने बनवाया था?मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ बोर्ड कानून में बदलाव को लेकर भी संजय सिंह ने सरकार को चेतावनी दी।
उन्होंने कहा कि अगर यह बिल लाया गया तो भाजपा को अपने सहयोगी दलों के विरोध का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने दावा किया कि चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान और जयंत चौधरी जैसे सहयोगी दलों ने साफ कर दिया है कि अगर वक्फ बोर्ड को लेकर कोई नया कानून बनाया गया तो भाजपा की मुश्किलें बढ़ जाएंगी और सरकार भी गिर सकती है।सांसद संजय सिंह के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। भाजपा की ओर से अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह साफ है कि विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने का पूरा मन बना चुका है।