
•तहसील से व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर पहुंच रही नोटिस, ज्ञापन देकर मांगा समाधान।
•मनमानी वसूली बंद करे जीएसटी विभाग, वरना होगा आन्दोलन
बस्ती। तहसील के माध्यम से व्यापारियों को नोटिस भेजकर वाणिज्य कर विभाग ने व्यापारियों के शोषण का नया तरीका अख्तियार किया है। गुपचुप तरीके से वसूली के लिये तहसील को सौंपी गई नोटिस अब व्यापारियों के दरवाजे पर पहुंच रही है और अमीन वसूली का दबाव बना रहा है। बस्ती उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार गुप्ता की अगुवाई में जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपकर व्यापारियों को दोहन से बचाने के लिये ठोस कदम उठाये जाने की मांग किया है।
पूरे प्रकरण में अध्यक्ष सुनील कुमार गुप्ता ने कहा साल 2017-18 में 01 जुलाई से जीएसटी लागू हुआ। इससे पहले वैट लागू था। 01 अप्रैल से 2017 से 30 जून 2017 तक का वैट का मनमाना कर निर्धारण व्रूपारियों के ऊपर बगैर किसी सूचना के कर दिया। 2017 के तीन महीनों का मनमानी तरीके से वैट असेसमेन्ट कर वाणिज्य कर विभाग व्यापारियों को नोटिस भेजवा रहा है। यह व्यापारियों के शोषण का एक नया तरीका है। व्यापारी मनमानी किसी कीमत पर बर्दाश्त नही करेंगे। वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों को व्यापारियों से वार्ता कर समाधान निकालना होगा। इससे पहले व्यापारियों पर वसूली का अनुचित दबाव बनाया गया तो व्यापारी आरपार का संघर्ष छेड़ेंगे।
बस्ती उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के चेयरमैन आनंद राजपाल ने कहा कर निर्धारण की सूचना व्यापारियों को नही दी गई। सीधे रिकवरी के लिये नोटिस तहसील को भेज दी गई जो अनुचित है। बेहतर होगा अधिकारी इसका समाधान ढूढें वरना व्यापारियों का शोषण बर्दाश्त नही किया जायेगा। महामंत्री रंजीत श्रीवास्तव ने कहा वार्ता की बजाय जीएसटी विभाग तानाशाही रवैया अपना रहा है। व्यापारी टैक्स देने से नही भागता है लेकिन तरीका दोहन का नही होना चाहिये। ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से सूर्य कुमार शुक्ल, धर्मेन्द्र चौरसिया, शेष नारायण गुप्ता, सतीश सोनकर आदि मौजूद रहे।