✍️पवन कुमार रस्तोगी।
नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों के लिए ‘अपार’ नामक विशिष्ट पहचान पत्र की शुरुआत की। अब आधार की तरह ‘APAAR’ (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री) छात्रों की एक डिजिटल पहचान बनेगा। यह भारत में छात्रों के लिए एक डिजिटल पहचान प्रणाली होगी। इसे स्कूल यू-डायस और आधार से सत्यापन कर बनाया जाएगा। आईडी प्रणाली में नामांकन के लिए अभिभावकों को स्कूल में सहमति पत्र देना होगा। एनसीईआरटी ने नौ और 10 दिसंबर को मेगा अपार दिवस घोषित किया है।
APAAR ID कार्ड में बच्चों का क्या विवरण शामिल होगा – बता दें कि अपार’ आईडी कार्ड में बच्चों के व्यक्तिगत विवरण, जैसे रक्त समूह, वजन, ऊंचाई आदि के साथ ही प्री-प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक के छात्रों की शैक्षणिक योग्यता, क्रेडिट स्कोर, प्रमाणपत्र और अन्य शैक्षणिक डेटा को डिजिटल रूप से संग्रहीत रहेगा। इसमें 12 अंकों की आईडी दी जाएगी। अपार आईडी को एकेडमिक पासपोर्ट माना जाएगा। APAAR ID को डिजीलॉकर से जोड़ा गया है, जहां छात्र अपने शैक्षणिक दस्तावेज़ सुरक्षित रख सकते हैं। यह अकैडमी बैंक ऑफ़ क्रेडिट्स (Academic Bank of Credits-ABC) के साथ भी जुड़ा है, जिससे क्रेडिट प्रबंधन सरल हो जाता है।
इस पहल का उद्देश्य क्या है?
बता दें कि इस पहल का उद्देश्य एक एकीकृत शैक्षिक प्रणाली बनाना, सुरक्षा बढ़ाना और छात्रों के शैक्षणिक डेटा को सुलभ बनाना है। इसकी थीम ‘वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी’ है एवं देश में एक ही तरह की स्टूडेंट्स आईडी होगी। यह आईडी आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड की तरह ही होगा जिसमें स्टूडेंट्स की फुल डिटेल उपलब्ध होगी। वन नेशन, वन स्टूडेंट्स आईडी कार्ड बनाने के संबंध में मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश भी भेज दिए हैं। इस संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा 29 जुलाई, 2023 को अखिल भारतीय शिक्षा समागम (ABSS) में चर्चा हुई थी।
‘अपार’ बनवाने की जिम्मेदारी स्कूलों की है- यदि आपके बच्चे की आईडी नहीं बनी तो उसे स्कूल के माध्यम से बनवा सकते हैं। इसके लिए अभिभावक को स्कूल जाना होगा। वहां प्रबंधक सहमति पत्र का फॉर्म देगा जिसे भर कर अभिभावक को जमा करना होगा। विशेष रूप से नाबालिग छात्रों के लिए, स्कूल को अभिभावकों की अनुमति लेना अनिवार्य है। आधार नंबर और यू-डायस (विशिष्ट नंबर) से वेरीफाई कराने की जिम्मेदारी स्कूल की होगी। सत्यापन पूरा होते ही आईडी नंबर व कार्ड जनरेट हो जाएगा। इसे डाउनलोड किया जा सकता है। यह आईडी छात्र के डिजिलॉकर में सुरक्षित हो जाएगी। एनसीईआरटी ने नौ और 10 दिसंबर को विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए अभिभावकों और स्कूलों को जागरूक किया गया है।
यह लाभ मिलेगा :– अपार आईडी से छात्र का पूरा एकेडमिक रिकॉर्ड एक स्थान पर एकत्रित होता रहेगा जो उसके क्रेडिट सिस्टम के लिए लाभकारी होगा। इसके खोने का भी कोई खतरा नहीं रहेगा। ड्रॉप आउट बच्चों की सही संख्या पता चल सकेगी और उन्हें ट्रेस किया जा सकेगा। किसी भी दूसरे स्कूल में प्रवेश लेना आसान होगा। डिजिलॉकर से एक ही बार में छात्र के एकेडमिक रिकॉर्ड का सत्यापन हो जाएगा। इससे एकेडमिक भ्रष्टाचार रोकने में भी मदद मिलेगी। एक छात्र दो स्थानों पर प्रवेश लेकर नहीं पढ़ सकेगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि ‘अपार’ लागू है। किसी बच्चे की आईडी नहीं बनी है तो स्कूल में सहमति पत्र देकर इसे जनरेट करा सकता है। शैक्षिक समेत छात्र के सभी रिकॉर्ड इसमें सुरक्षित रहेंगे।