
सेहत। निमोनिया(Pneumonia) फेफड़ों(lung) का एक गंभीर संक्रमण है, जो बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से खतरनाक साबित हो सकता है। यह बीमारी फेफड़ों की छोटी हवा की थैलियों में सूजन पैदा करती है, जिससे खांसी, बुखार और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण होते हैं। कमजोर इम्यून सिस्टम, डायबिटीज, सीओपीडी और हृदय रोग जैसे स्वास्थ्य समस्याओं के कारण यह बीमारी वृद्ध व्यक्तियों के लिए घातक हो सकती है।
रीजेंसी हॉस्पिटल, लखनऊ की कंसल्टेंट फिजिशियन और डायबिटीज एक्सपर्ट, डॉ. आकांक्षा गुप्ता ने बताया कि बुजुर्गों में निमोनिया को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन इसका असर जानलेवा हो सकता है। उन्होंने कहा कि ब्लड टेस्ट, एक्स-रे और सीटी स्कैन के जरिए समय पर पहचान और उपचार से जटिलताओं को रोका जा सकता है। सही एंटीबायोटिक्स, हाइड्रेशन और पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन के जरिए मरीजों की रिकवरी में सुधार किया जा सकता है।
डॉ. आकांक्षा ने वैक्सिनेशन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि न्यूमोकोकल और इन्फ्लूएंजा टीके निमोनिया की गंभीरता और आईसीयू में भर्ती होने की आवश्यकता को कम कर सकते हैं। उन्होंने स्वच्छता बनाए रखने, संतुलित आहार और धूम्रपान छोड़ने जैसी आदतों को अपनाने की सलाह दी, ताकि संक्रमण का खतरा कम किया जा सके।
बुजुर्गों में निमोनिया के खतरे को कम करने के लिए समय पर रोकथाम, उचित इलाज और जागरूकता आवश्यक है। जल्दी निदान और सही देखभाल के जरिए इस बीमारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है, जिससे बुजुर्गों का जीवन सुरक्षित और स्वस्थ बनाया जा सके।