
•एआई सिस्टम विकसित करने पर भी हो रहा है काम, दिया जा रहा प्रशिक्षण।
•चंद मिनट में ही पकड़े जाएंगे शातिर अपराध, संवेदनशील क्षेत्र में बढ़ेगी गश्त।
बस्ती। यूपी 112 वाहनों (पीआरवी) को नए साफ्टवेयर से सुसज्जित करने की तैयारी में है। जिले में कई साल के अपराध के डाटा का विश्लेषण किया जा रहा। इनमें चोरी, लूट, टप्पेबाजी, हत्या, छेड़छाड़ और जाम शामिल है। पुलिस विभिन्न त्योहार और आयोजनों के समय होने वाले बवाल का डाटा भी अध्ययन कर रही है। पीआरवी में कई नए तरीके के साफ्टवेयर लगाए जाएंगे। इनकी मदद से संवेदनशील और अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में अपराध होने की संभावना पर गश्त बढाया जाएगा।
शहर और ग्रामीणों के विभिन्न स्थानों पर पीआरवी की तैनाती हो रही है। पीआरवी को सटीक लोकेशन पर खड़ा करना होगा। पीआरवी के पुलिसकर्मी संदिग्ध और संवेदनशील व्यक्तियों के डेटा को खंगालकर तत्काल दबोच सकेंगे। इतना ही नहीं यह सिस्टम अपराध होने वाले क्षेत्र की संभावना भी बताएगा। इससे पीआरवी वाहन को सटीक लोकेशन पर खड़ा करना आसान होगा।
हादसा होने, विवाद या जाम की समस्या आने पर भी यूपी112 के कर्मचारी जाकर फौरन कार्रवाई करते देखे जाते हैं। कई बार अपराधी घटना को अंजाम देकर चले जाते हैं और उनका पता बाद में चलता है। उनको दबोचने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सिस्टम विकसित करने पर काम किया जा रहा है।
पहले महिंद्रा की ओर से ट्रेनिंग दी जाती थी अब माडयूल स्वीच ओवर कर भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के विशेषज्ञ की ओर से ट्रेनिंग कराई जा रही है। जिले स्तर पर यूपी 112 के मुख्य आरक्षी व आरक्षी को पुलिस लाइन में हाइटेक केमरे व बिहैवियरल ट्रेनिंग दिया जा रहा है। जबकि निरीक्षक व उपनिरीक्षक को लखनऊ भेज कर ट्रेनिंग कराई जा रही है। अब तक 200 से अधिक स्टाफ का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है।
इस सिलसिले में पूछे जाने पर यूपी 112 के प्रभारी निरीक्षक शशांक शेखर राय ने बताया कि यूपी-112 पुलिस की टीमें लगातार अपने रिस्पांस टाइम में सुधार कर रही हैं। बीते तीन माह पहले रेस्पांस टाइम 7.39 मिनट था। इसमें और ज्यादा सुधार करके अब रेस्पांस का समय और घट कर छह मिनट 40 सेकेंड हो गया है। जिले के अपराध में नियंत्रण करने में यूपी-112 अपनी अहम भूमिका निभा रही है। शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र यूपी-112 पुलिस पिछले छह माह से लगातार पौने छह मिनट से कम समय में पीड़ित तक पहुंच कर मदद पहुंचा रही है।
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पुलिस लोगों की हमेशा मददगार होती है। यूपी 112 से अच्छा इस समय कोई मित्र कोई नहीं है, क्योंकि किसी भी वारदात की सूचना होने पर मदद के लिए पहुंचती है। रिस्पांस टाइम में प्रति माह सुधार देखने को मिल रहा है। अधिक से अधिक लोगों तक मदद पहुंचा कर आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने की कोशिश है। यूपी-112 पुलिस इस पर खरी उतरी है। पीआरवी मौके पर पहुंच कर पीड़ितों को मदद पहुंचा रही है। इसमें और सुधार हो इसकी कोशिश लगातार जारी रहेगी।

: ओपी सिंह, एएसपी