
न्यूयॉर्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 2 अप्रैल को भारत समेत कई देशों पर टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद अमेरिकी बाजार में उथल-पुथल मच गई है। इस कदम से जहां बाजार में भारी बिकवाली देखी जा रही है, वहीं कॉरपोरेट सेक्टर में भी नाराजगी बढ़ती जा रही है। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के इस फैसले से अमेरिका समेत अन्य देशों में मंदी की आशंका गहरा सकती है। अमेरिकी बाजार पर टैरिफ के नकारात्मक प्रभावों को देखते हुए ट्रंप अब नरम रुख अपना रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, वे भारत, इजरायल और वियतनाम के साथ बातचीत की कोशिश में जुट गए हैं। टैरिफ लागू होने की डेडलाइन से पहले ट्रंप इन देशों के साथ मतभेद सुलझाना चाहते हैं।
चीन के जवाबी टैरिफ से भड़के ट्रंप
अमेरिका ने चीन पर 34% टैरिफ लगाया था, जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर उतने ही प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की। ट्रंप ने इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चीन घबरा गया है और यह कदम उसकी बेचैनी को दर्शाता है।
बता दें, इससे पहले भी अमेरिका ने चीन पर 20% टैरिफ लगाया था, जिससे कुल टैरिफ अब 54% हो चुका है। अब बातचीत का रास्ता अपनाना चाहता है अमेरिका शुरुआत में सख्त रुख अपनाने के बाद अब ट्रंप प्रशासन टैरिफ विवाद को बातचीत से सुलझाने की दिशा में प्रयास कर रहा है।
अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि प्रभावित देश घबराने की बजाय सीधा संवाद करें। एक सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रंप ने बताया कि वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव तो लाम ने प्रस्ताव दिया है कि अगर आपसी समझौता होता है, तो वे अपने टैरिफ को शून्य तक कम करने को तैयार हैं।
भारत, इजरायल और वियतनाम से विशेष समझौतों की तैयारी
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका भारत, इजरायल और वियतनाम के साथ विशेष व्यापारिक समझौतों को लेकर बातचीत कर रहा है। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ सलाहकार ने बताया कि ट्रंप नए टैरिफ लागू होने से पहले ही इन देशों से समझौता कर लेना चाहते हैं। अगर यह बातचीत सफल रहती है, तो टैरिफ विवाद का हल निकल सकता है और वैश्विक व्यापार को राहत मिल सकती है। गौरतलब है कि ट्रंप ने भारत पर 27% टैरिफ लगाया है, हालांकि व्हाइट हाउस ब्रीफिंग में उन्होंने 26% टैरिफ का जिक्र किया था।