बस्ती। बस्ती में वर्षों से रिंग रोड बनाने का सपना अब सच में तब्दील हो रहा है। शहर के चारों तरफ प्रस्तावित रिंग रोड बनने से प्रथम फेज में 54 गांवों की तस्वीर बदल जाएगी। निर्माण की हलचल यहां तेज हो गई है। पोकलैंड मशीनाें की संख्या बढ़ गई। फसलों से खाली हुए खेतों में एक साथ छह पोकलैंड मशीनें भूमि की निशानदेही का कार्य कर रही हैं। कुआनो नदी के दोनों तरफ बरवनिया से सोनूपार के पास तक करीब पांच किमी लंबाई में सड़क के लिए अधिग्रहित जमीन की खोदाई का कार्य पूरा कर लिया गया है। अगले 10 से 15 दिन में 11 किमी लंबाई में भूमि की निशानदेही का कार्य पूरा होने की उम्मीद है। पहले फेज में 54 गांवों में 111 हेक्टेयर भूमि सड़क के लिए अधिग्रहित की जा रही है।
रिंग रोड निर्माण शुरू होने के साथ ही इस दायरे में आने वाले 54 गांवों के अलावा सदर तहसील के करीब ढाई सौ गांवों का भूगोल बदलने लगेगा। यहां विकास के नए आयाम देखने को मिलेगा।
कारोबार से लेकर रोजगार और आवास से लेकर होटल और मल्टी कॉम्प्लेक्स तक की चहलकदमी बढ़ जाएगी। बस कुछ दिनों के बाद ही बस्ती काफी हद तक बदली हुई नजर आएगी।
रिंग रोड बनने के बाद आसपास के क्षेत्र का तेजी से विकास होगा। जिन 54 गांवों से प्रथम फेज की 22.5 किमी लंबी फोरलेन सड़क गुजरेगी वहां की महत्ता बढ़ते देर नहीं लगेगी। आसपास के गांव भी चमकने लगेंगे। यह रिंग रोड शहर से करीब 10 किमी के परिधि में बनाया जा रहा है। इस दूरी में शहर का दायरा बढ़ना स्वाभाविक हो जाएगा।
स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, होटल, मल्टी कॉम्प्लेक्स, कॉलोनियां विकसित करने की हलचल इस दायरे में तेजी से बढ़ेगी। रिंग रोड के निर्माण के शुरुआती दौर में गांव-गांव इस तरह की चर्चाएं आम हो गई हैं। सोनूपार चौराहे पर आकाश, अमित, प्रभाकर आदि ने कहा कि 25 से 30 गांवों की रौनक रिंग रोड बनते ही बदल जाएगी। अब हम लोग भी शहरी कहलाएंगे।
नया विकास भी नए ढंग का होगा। सुसज्जित बसावट होगी। सड़क, संसाधन सब पहले से बेहतर हो जाएगा। रिंग रोड का निर्माण इस शहर के लिए अब तक का सबसे बड़ा कार्य है।
बता दें कि जनपद में रिंग रोड निर्माण के लिए भूमि की निशानदेही का कार्य शुरू हो गया है। पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी की पहल पर वर्ष 2015 में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यहां कलवारी में जनसभा के दौरान शहर के चारों तरफ रिंग रोड बनाए जाने की घोषणा की थी। इस प्रस्ताव को 2023 में स्वीकृति मिली। तथा इसी साल केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने इस सड़क का शिलान्यास भी किया था। इसी के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई।