
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में सक्रिय अलगाववादी संगठन बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। संगठन ने कहा है कि उसने अपने कब्जे में लिए गए सभी 214 बंधकों को मार डाला है। बीएलए के विद्रोहियों ने दावा किया है कि मारे गए सभी लोग पाकिस्तानी सेना के जवान थे। इस घटना को पाक सेना की हार बताते हुए बीएलए के प्रवक्ता ने कहा कि इन मौतों के लिए पाकिस्तान की सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान सरकार उनसे बातचीत करने को तैयार नहीं थी और इन मौतों के बाद भी कोई संवाद स्थापित नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि मंगलवार को बलोच विद्रोहियों ने क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को बोलन दर्रे के पास अगवा कर लिया था। इस ट्रेन में करीब 450 यात्री सवार थे। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने बचाव अभियान शुरू किया, जिसके दौरान बलोच विद्रोहियों के साथ मुठभेड़ हुई। बीएलए ने इस मुठभेड़ में अपने दो दर्जन से अधिक लड़ाकों के मारे जाने का दावा किया था, जबकि पाकिस्तान ने 33 बीएलए लड़ाकों को मार गिराने की बात कही थी।
पाकिस्तान सरकार ने बुधवार को ही दावा किया था कि संकट समाप्त हो गया है और सभी विद्रोही मारे गए हैं। सरकार ने यह भी कहा था कि सभी बंधकों को सुरक्षित छुड़ा लिया गया है, हालांकि इस दावे का कोई प्रमाण पेश नहीं किया गया था। अब बीएलए ने पाकिस्तान सरकार के दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि सरकार झूठ बोल रही है और उसे अपने जवानों की कोई परवाह नहीं है। बीएलए ने पहले कैदियों की अदला-बदली के लिए सरकार को 48 घंटे का समय दिया था।
बीएलए ने कहा कि उसने अंतरराष्ट्रीय कानून और युद्ध नियमों का पालन किया है। संगठन ने कहा कि पाकिस्तानी सेना अपने इतने जवानों की मौत के लिए खुद जिम्मेदार है, क्योंकि सरकार जवानों का इस्तेमाल शांति के बजाय युद्ध भड़काने के लिए करती है। बीएलए ने कहा कि पाकिस्तान को इस हरकत का खामियाजा अपने 214 जवानों की जान देकर भुगतना पड़ा है।
बीएलए ने मारे गए लोगों को ‘शहीद’ बताते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई में उनके 12 लड़ाकों ने जान गंवाई है, जिनमें बुधवार रात तीन, पिछली रात चार और मजीद ब्रिगेड के पांच फिदायीन शामिल हैं। संगठन ने कहा कि पाकिस्तान इस हार को हमेशा याद रखेगा।
घटना का विवरण देते हुए बीएलए ने बताया कि यह ऑपरेशन ‘दार-ए-बोलान’ था। संगठन ने दावा किया कि फिदायीनों ने पाकिस्तानी सेना को अपने जाल में फंसा लिया था। कुछ बंधकों को स्पेशल कोच में बंद कर दिया गया था, जबकि अन्य को दूसरी जगह ले जाया गया था। जब एसएसजी कमांडो की जरार कंपनी उन्हें बचाने पहुंची, तो लड़ाकों और जवानों के बीच कई घंटों तक भीषण गोलीबारी हुई, जिसमें कई जवानों की जान चली गई। बीएलए ने कहा कि उनके फिदायीन आखिरी गोली तक लड़े और पाक सेना को भारी नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद उन्होंने खुद को गोली मार ली।
बीएलए के इस दावे के बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई है, क्योंकि यह पाकिस्तानी सरकार के पहले के बयानों का खंडन करता है। इस घटना को लेकर क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है।
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