•कथित समूह के नाम पर चल रहा अवैध सूदखाेरी का कारोबार।
•सूदखोरों की वसूली के दबाव में आकर आए दिन आ रही आत्महत्या की घटनाएं
बस्ती। जनपद में अगर कोई सूदखोर के जाल में फंस गया तो उसका जिंदा रहना मुश्किल है। सूदखोरों का ब्याज इतनी तेजी से बढ़ता है कि पीड़ित चुका नहीं पाता। इस पर सूदखोर उसका उत्पीड़न करना शुरू कर देते हैं। बैंक से रुपये निकालने के बाद कर्ज न चुका पाने पर जमीन और जेवरात तक बेचने का दबाव बनाते हैं। इस परेशानी से ऊबकर पीड़ित आत्महत्या को मजबूर हो जाता है। मौत के बाद भी उसे कर्ज से छुटकारा मिल पाता है।
बता दें कि जिले में कोतवाली, लालगंज व नगर थानाक्षेत्र में चार स्थानों पर चार व्यक्ति जान दे चुके हैं। सूदखोर लोगों से 20 रुपये से 30 रुपये प्रति सैकड़ा का ब्याज वसूल रहे हैं। इनसे रकम लेने के बाद ब्याज राकेट की रफ्तार से बढ़ जाता है। जितनी रकम ब्याज पर ली गई उससे दस गुना अदा करने के बाद भी पीड़ित को छुटकारा नहीं मिलता है। इससे परेशान होकर पीड़ित आत्महत्या कर रहे हैं। बीते चार माह में तीन मामले ऐसे सामने आए जिसमें दो लोगों ने जान दे दी और तीसरे व्यक्ति ने कुआनों में छलांग लगा दी। अभी तक उसका पता नहीं लग सका।
सामाजिक बेइज्जती की वजह से दे देते हैं जान
रुपया देने से पहले अक्सर सूदखोर ब्लैंक चेक पर साइन करवा लेते हैं। कई बार वो जमीन भी लिखवा लेते हैं। समय पर रुपये न आने पर सूदखोर सामाजिक बेइज्जती करते हैं। साथ में चेक बाउंस होने पर जेल भिजवाने की धमकी देते है। ऐसे में कर्ज लेने वाले व्यक्ति को आत्महत्या ही एक रास्ता नजर आता हे। सूदखोरों के चंगुल में फंस चुके लोग बताते हैं कि सूदखोर मनमर्जी का ब्याज वसूलते हैं।
सूदखोरों के चंगुल में फंसकर इन्होंने गंवाई जान
सूदखोरों से तंग आकर कलवारी थानाक्षेत्र के हुसेनपुर गांव निवासी झिनकान चौधरी ने अपने घर के बगल पेड़ पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। अपनी पुत्री की शादी के लिए आंबेडकरनगर जिले के एक समूह से कर्ज लिया था। समूह वालों के दबाव में लालगंज थानाक्षेत्र के महसों निवासी युवक ने एक महीने पहले सूदखोरों से तंग आकर जान दे दी।
नदी में लगाई छलांग नहीं चल सका 15 दिन बाद भी पता
सूदखोरों की धमकी से तंग आकर नगर थानाक्षेत्र के महरीपुर निवासी चन्द्र उर्फ विफई ने चार अक्टूबर 2024 को कुआनो नदी के पुल से छलांग लगा दी। आज तक उनका कोई पता नहीं लग सका। इसी तरह कर्ज में डूबे खैर इंटर कालेज के पूर्व मुतवल्ली व बेगमखैर गर्ल्स कालेज के प्रबंधक मो. अकरम ने बीते साल सामाजिक बेइज्जती से बचने के लिए अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद ही गोली मारकर आत्महत्या कर लिया था।
प्रशासन ने आज तक नहीं जारी किया हेल्प लाइन नंबर
सूदखोरों से तंग आकर आत्महत्या करने की सर्वाधिक घटनाएं सदर तहसील क्षेत्र में कार्यरत आ रहा है।बावजूद तहसील प्रशासन आजतक इसके लिए गंभीर नहीं हुआ। कोई हेल्पलाइन नंबर अभी तक जारी नहीे कर सका है। हर रोज सूदखोरों की शिकायत प्रशासन के पास आती है उस पर कार्रवाई के की जगह उसे रद्दी टोकरी में डाल दिया जाता है।