
अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में एक बड़े जीपीएफ (जनरल प्रोविडेंट फंड) घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। यह घोटाला 10 वर्षों तक चलता रहा, जिसमें 520 शिक्षकों के जीपीएफ खातों से लगभग 5 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई।
वर्तमान बीएसएस डॉ. राकेश सिंह की तहरीर पर थाना बन्नादेवी में दर्ज मुकदमे में वर्ष 2003 से वर्ष 2013 तक तैनात रहे 11 बीएसए, 30 खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ), 10 वित्त एवं लेखाधिकारी सहित 61 अधिकारियों और कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है
यह घोटाला 2003 से 2013 के बीच हुआ, जब अलीगढ़ में 30 बीईओ (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) तैनात थे। घोटाले का खुलासा 2020 में हुआ, जब टप्पल के शिक्षक जगदीश प्रसाद के जीपीएफ खाते में एक ही दिन में 35 बार में 34 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए। इसके बाद इसकी जांच शुरू की गई और यह सामने आया कि अधिकारियों और पटेल लिपिकों की मिलीभगत से यह हेराफेरी की गई थी।
अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा विभाग की जांच के बाद, बीएसए डॉक्टर राकेश कुमार ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमा अलीगढ़ के थाना बन्ना देवी में दर्ज किया गया है, जिसमें घोटाले में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों के नामों का खुलासा हुआ है। इन अधिकारियों में दिनेश सिंह, पुष्पा सिंह, मोहम्मद अल्ताफ अंसारी, मनोज कुमार, डॉ मुकेश कुमार, एसपी वर्मा, महेंद्र प्रताप सिंह, एसपी यादव, संजय शुक्ला, धीरेंद्र यादव, डॉ लक्ष्मी पांडे आदि शामिल हैं।
यह मामला न केवल अलीगढ़ जिले में, बल्कि पूरे राज्य में शिक्षा विभाग के अंदर हो रही भ्रष्टाचार की गहरी जड़ को उजागर करता है। अब देखना यह होगा कि इस घोटाले में संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होती है या नहीं।