
•मोहित यादव व शक्ति सिंह का भी अपहरण के बाद हुई थी हत्या
•जनपद में नहीं दिख रही प्रो पुलिसिंग, सामने आ चुकी हैं कई घटनाएं
बस्ती। जिले में छह माह के भीतर तीन चर्चित घटनाओं में अपराध की मोडस अपरेंडी (अपराध को अंजाम देने के तरीके) सेम पाया गया। जुलाई माह में मोहित यादव का अपहरण और उसके बाद की गई हत्या में भी यही ट्रेंड अपनाया गया था। पहले अपहरण किया गया फिर उसकी हत्या कर दी गई। शव को कहां ठिकाने लगाया गया इस बात का पता पुलिस नहीं लगा सकी। इस मामले में पुलिस की लापरवाही का नतीजा रहा कि मृतक की डेडबाडी आज तक पुलिस बरामद नहीं कर सकी यह मामला हाल ही करीब एक माह पहले सीबीसीआइडी के पास ट्रांसफर कर दिया गया।
इसी तरह सितंबर महीने में बजरंग दल के पूर्व प्रदेश संयोजक रमेश प्रताप सिंह के बेटे शक्ति सिंह का पहले स्कार्पियों से अपहरण कर लिया जाता है फिर उसकी हत्या कर दी जाती है। इस घटना में पूर्व विधायक के बेटे के आरोपित होने के कारण इस केस के वर्कआउट व गिरफ्तारी में नगर पुलिस पूरी तरह से फेल रही। किसी तरह मैनेज करके नगर पुलिस ने सरेंडर कराया।
अगर इन दोनों घटनाओं से पुलिस सबक लेती तो शायद चन्द्रशेखर अपहरण कांड में पुलिस सभी आरोपितों दबोच लेती लेकिन जिले में प्रो पुलिसिंग का चलन ही नहीं हैं। शायद इन्हें घटना होने का इंतजार रहता है। अगर अपहरण की सूचना पर पुलिस सचेत रहती तो आरोपित रास्ते में ही धर लिए गए होते। हाल के दिनों में अपहरण करने की घटना जिले में बढ़ी हैं। हालांकि कुछ एक मामलों में पुलिस की घेराबंदी के बाद उसे सफलता भी हाथ लगी है।