
•कृषि विज्ञान केंद्र बंजरिया में प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ आयोजित।
बस्ती। कृषि विज्ञान केंद्र बंजरिया में तरल नैनो यूरिया व नैनो डीएपी पर आधारित सहकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। शनिवार को नाना जी देशमुख सभागार में आयोजित प्रशिक्षण में मुख्य अतिथि इफको के उप महाप्रबंधक डा. आरके नायक ने संबोधित करते हुए कहा कि इफको के नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के प्रयोग से मृदा के स्वास्थ्य में सुधार होगा। जल एवं वायु प्रदूषण में कमी आएगी। फसल के उत्पादन व गुणवत्ता में वृद्धि होगी। पारंपरिक उर्वरकों के प्रयोग में भी कमी आएगी।


कहा कि इफको द्वारा इस समय विकसित सल्फर वेंटोलाइट, जिंक सल्फेट, मोनोहाइड्रेट, मैग्नीशियम सल्फेट, बोरान एवं नेचुरल पोटाश उपलब्ध है, जो किसानों को बाजार में आसानी से मिल जाती है। इसके प्रयोग से फसल के उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि होती है। केंद्र के प्रभारी अधिकारी डा. पीके मिश्रा ने कहा ठोस उर्वरकों की अपेक्षा जल विलेय उर्वरकों के प्रयोग से उत्पादन में वृद्धि होती है।
केंद्र के वैज्ञानिक श्री आर. बी. सिंह ने कहा कि इसको बायो-डी कंम्पोजर के प्रयोग से फसलों के अवशेष और अन्य बायोवेस्ट से कंपोस्ट बनता है। मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की गतिविधियां बढ़ाकर मिट्टी की उर्वरा शक्ति और उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है।
केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डा. वीबी सिंह, डा.प्रेम शंकर, हरिओम मिश्रा, डा. अंजली वर्मा ने गृह वैज्ञानिक ने भी प्रशिक्षण को संबोधित कर तरल नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर जिले के इफको के तमाम खुदरा विक्रेता, वितरक एवं प्रगतिशील कृषक तथा केंद्र के कर्मचारी उपस्थित रहे।