प्रयागराज। संगम की रेती पर 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी तक विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ होगा।योगी सरकार महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए कमर कसकर तैयारी में जुटी है।महाकुंभ के लिए संगम नगरी में विश्व की सबसे बड़ी रंगोली तैयार की जा रही है। ये रंगोली 55,000 वर्ग फुट की है और इसमें 11 टन रंग का इस्तेमाल किया जाएगा।यह रंगोली 10 दिसंबर को बनकर तैयार हो जाएगी।
यह रंगोली यमुना क्रिश्चियन इंटर कॉलेज के प्रांगण में बनाई जा रही है।इस रंगोली को कुशल कलाकारों और स्वयंसेवकों की एक टीम द्वारा तैयार किया जा रहा है,जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इसकी कलात्मक विरासत को प्रदर्शित करती है।यह आध्यात्मिकता,एकता और भक्ति के विषयों को चित्रित करेगी,जो महाकुंभ के पवित्र वातावरण के साथ गूंजता है।
आयोजकों ने इस पहल में पर्यावरण के प्रति जागरूक दृष्टिकोण पर जोर दिया है और यह भी सुनिश्चित किया है कि ये रंग गंगा नदी को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। यह रंगोली सांस्कृतिक प्रदर्शन,आध्यात्मिक प्रवचन और प्रतिष्ठित गंगा आरती जैसे अन्य आकर्षणों के साथ-साथ महाकुंभ को एक महत्वपूर्ण आकर्षण बनने के लिए तैयार है।इस बार महाकुंभ में प्राचीन भारतीय संस्कृति,आध्यात्मिकता और भव्यता का गहरा अनुभव नजर आएगा है। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत श्रवण कुमार के साथ-साथ अर्जुन, गरुड़, नंदी, ऐरावत और मां गंगा जैसी पौराणिक आकृतियों की जीवंत मूर्तियों से किया जाएगा। 26 जटिल नक्काशीदार मूर्तियों को संगम नगरी के 26 प्रमुख चौराहों पर स्थापित किया जा रहा है,जो देश-विदेश के श्रध्दालुओं के लिए एक प्रमुख आकर्षण होंगी।
महाकुंभ की तैयारियों का लक्ष्य न केवल दिव्य बल्कि आधुनिक और भव्य बनाना है।इन तैयारियों के हिस्से के रूप में भारतीय पौराणिक कथाओं और संस्कृति के प्रमुख तत्वों को दर्शाने वाली मूर्तियां संगम नगरी में महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाई जा रही हैं।इसमें अर्जुन, गरुड़, नंदी, गदा और मां गंगा शामिल हैं,जिन्हें महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को मोहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।