बस्ती। दोपहिया वाहन, चाहे वो मोटरसाइकल हो या स्कूटर, चालकों के लिए हेलमेट पहनना कई वजहों से अनिवार्य है, क्योंकि यह सीधे यातायात नियमों के उल्लंघन और रोड सेफ्टी से जुड़ा हैं। साथ ही बिना हेलमेट के बाइक का सफर जानलेवा साबित हो सकता है, यह जानते हुए भी लोग लापरवाह बने हुए हैं। रविवार रात अगर फोरलेन पर बराती हेलमेट लगाए होते तो शायद उनकी जान बच गई होती। कहीं न कहीं से हर रोज सड़क हादसों में मौत की खबर मिल ही जाती है।
एक ओर सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है और लोगों को जागरूक किया जा रहा है, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद बाइक सवार सुधरने को तैयार नहीं हैं। इन पर जागरूकता अभियानों या चालान का भी कोई असर नहीं पड़ता। फिर भी बिना हेलमेट लगाए बाइक पर घर से निकल जाते हैं। हर रोज सड़कों पर काटे जा रहे चालान इसे तस्दीक करने के लिए काफी हैं।
जिले भर में हर महीने तीन हजार से ज्यादा चालान काटे जा रहे हैं। यह आकड़ा हर रोज 30 के करीब बैठता है। चालान की एवज में इन्होंने जुर्माना भी भरा। अब इनमें कितने लोगों की सोच में बदलाव हुआ यह तो नहीं कहा जा सकता है, लेकिन सड़कों पर बिना हेलमेट बाइक सवार आते जाते दिखाई दे जाएंगे।
इधर, सड़क सुरक्षा माह चल रहा है। चालकों को जागरूक भी किया जा रहा है। पुलिस चालान काटने के बजाय फूल दे रही है। बावजूद इसके बाइक सवार हेलमेट नहीं लगा रहे हैं। हेलमेट नहीं लगाने से चालान ही नहीं कटता, बल्कि जान के लिए भी जोखिम रहता है। बाइक सवार की साथ अगर सड़क हादसा हो जाए तो हेलमेट नहीं होने के कारण जान बचना मुश्किल है। हादसों में 75 प्रतिशत लोगों की जान हेलमेट नहीं होने के कारण जा रही है। ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल 75 बाइक सवारों की मौत बिना हेलमेट के हो चुकी है।
हेलमेट की कीमत चालान के बराबर
औसतन एक हेलमेट एक हजार रुपये के आसपास मिल जाता है। अब बिना हेलमेट चालान कट जाए तो जुर्माना भी एक हजार रुपये है। इसके बाद भी लोग सुधरने को तैयार नहीं हैं। जबकि हेलमेट लगाकर जान का जोखिम भी कम होगा और चालान का डर भी नहीं रहेगा।
●सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत चालकों को जागरूक किया जा रहा है। बीच में भी अभियान चलाकर हेलमेट लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है। फिर भी चेकिंग के दौरान तमाम बाइक सवार बिना हेलमेट ही मिलते हैं। हालांकि पुलिस का मकसद चालान करना नहीं होता, यह सिर्फ इसलिए किया जाता है कि बाइक सवारों को चालान की वजह से ही सही लेकिन हेलमेट लगाने की आदत पड़ जाए। हेलमेट जीवन की रक्षा करता है।
-सत्येंद्र भूषण त्रिपाठी, सीओ यातायात