•साइबर ठगी का शिकार हो रहे लोग, हर दिन बढ़ रहा आंकड़ा।
•कंबोडिया, म्यांमार लाओस व थाईलैंड से हो रहा साइबर क्राइम.
बस्ती। साइबर अपराधियों के चंगुल में समाज का हर वर्ग किसी न किसी रूप में फंस जाता है। साइबर ठगी के ज्यादातर शिकार बुजुर्ग और महिलाएं होती हैं। अगर सतर्कता बरती जाए तो साइबर ठगी से बचा सकता है। आनलाइन मोबाइल चलाने के दौरान बेहद सावधानी बरतनी चाहिए। कहीं किसी लिंक को क्लिक करने व किसी तरह की ओटीपी बताने से परहेज करना चाहिए। साइबर ठगी के मामलों में जरा सी लापरवाही से लोगों के खाते खाली हो रहे हैं। हालांकि तत्परता से कराई गई शिकायत के बाद लोगों की रकम फ्रीज होकर खातों में वापसी का भी रास्ता बन रहा है। साइबर अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। आनलाइन लुटेरे हर दिन इसके लिए नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं। साइबर अपराधी इस तरह से जाल बिछाते हैं कि व्यक्ति उसमें उलझता चला जाता है।
साइबर पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक साइबर क्राइम अब देश के कोने से ही नहीं विदेशों से संचालित हो रहा है। कंबोडिया, म्यांमार, दुबई और लाओस से संचालित हो रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीन से संचालित होने वाले लोन देने वाले ऐप्स एक बड़ी चिंता का विषय है। बताया कि ऋण देने वाले ऐप्स न केवल वित्तीय संस्थानों बल्कि जनता की आर्थिक भलाई को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।खास कर निम्न-आय वर्ग इसका मुख्य शिकार हो रहा है। बड़ी मात्रा में धन विभिन्न देशों में ट्रांसफर किया जाता है। अपराध में शामिल और चीन में बैठे आपरेटर्स आनलाइन लूट करने में लगे हैं।
डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्राड संबधित काल सेंटर की जांच बस्ती जिले में भी पुलिस सुरक्षा एजेंसियां कर रही हैं। डिजिटल अरेस्ट के मामले ज्यादातर नंबर कंबोडिया, म्यांमार लाओस,और थाईलैंड से जुड़े पाए गए हैं। डिटिटल अरेस्ट साइबर क्राइम का यह बिलकुल अलग तरीका है, इसमें स्कैमर्स पुलिस, सीबीआई या कस्टम का अधिकारी बनकर काल करते हैं और डराकर घर पर ही बंधक बना लेते हैं। फर्जी अधिकारी बनकर स्कैमर्स दावा करते हैं कि आपके पैन और आधार का इस्तेमाल करके कुछ किया गया है या मनी लॉन्ड्रिंग की गई है।आपके नाम से कोई पार्सल आया है जिसमें ड्रग्स या प्रतिबंधित चीजें हैं।इस बीच वो वीडियो काल पर लगातार बने रहने के लिए कहते हैं। इन सब बातों से पीड़ित इतना डर चुका होता है कि वो उन सारी बातों को सच मान बैठता है और जैसा स्कैमर्स कहते हैं, उनकी बातों में आकर सब करता रहता है। इसके बाद डिजिटल अरेस्ट के शिकार व्यक्ति से पैसे ऐंठने का खेल शुरू होता है। जिले में भी डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं नवोदय विद्यालय व मदरसा के शिक्षक साथ हो चुकी है। साइबर पुलिस की ओर से विवेचना लगातार की जा रही है। अभी तक पीड़ित शिक्षकों को उनका डूबा हुआ धन वापस नहीं मिल सका है।
साइबर पुलिस ने किया राजस्थान के दो ठगों किया गिरफ्तार
बीमा पालिसी की मेच्योरिटी की धनराशि देने के नाम पर करोड़ो रुपये का फ्राड करने वाले भरतपुर राजस्थान गैंग के दो साइबर ठगों को बस्ती की साइबर थाना पुलिस ने प्रभारी निरीक्षक विकास यादव के नेतृत्व में गाजियाबाद से गिरफ्तार किया। राजस्थान के भरतपुर जिले डीग थाने के बहताना निवासी रोहित सिंह पुत्र लाखन सिंह परमार व अरविन्द परमार ने जिले के सोनहा थानाक्षेत्र के चिरैयाडाड़ निवासी हरिहर प्रसाद साइबर ठगों के झांसे में आ गए धीरे धीरे करके विभिन्न खातो में लगभग छह लाख 52 हजार 600 रुपये जमा कराकर ठगी कर लिया गया। जिसके संबन्ध में साइबर थाना पुलिस बस्ती ने केस दर्ज कर राजस्थान के शातिर ठगों को सर्विलांस से मिले लोकेशन के आधार पर गाजियाबाद जिले से गिरफ्तार किया। अंतर राज्यीय ठगों की गिरफ्तारी में एसआई अवधेश कुमार वर्मा, हरेन्द्र चौहान, महेन्द्र यादव, मुख्य आरक्षी राजेश यादव की साइबर तकनीकी टीम शामिल रही।
साइबर सुरक्षा के इन उपायों को अपनाकर बच सकते हैं:-
साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूकता हर किसी को होनी चाहिए। अपने पासवर्ड और लागिन जानकारी को सुरक्षित रखें और इसे किसी के साथ कतई शेयर न करें। अनजान ईमेल और मैसेज को कभी भी मत खोलें। अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें। इंटरनेट मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी को साझा करने से पहले सावधानी बरतें। अपने डिवाइस और साफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करें और सुरक्षा साफ्टवेयर का उपयोग करें। आनलाइन लेन-देन करते समय सुरक्षित और विश्वसनीय वेबसाइट्स का उपयोग करें। साइबर बुलिंग और आनलाइन उत्पीड़न के बारे में जागरूक रहें और इसकी रिपोर्ट करने में संकोच न करें।
इन सावधानियों को बरतकर, हम साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ा सकते हैं और साइबर हमलों से बचाव कर सकते हैं। ठगी होते ही 1930 टोल फ्री नंबर पर काल करें।
गोपालकृष्ण चौधरी, पुलिस अधीक्षक, बस्ती