दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर “जनसंख्या विस्फोट के दुष्परिणाम” विषय पर वेबिनार द्वारा संगोष्ठी का आयोजन।
दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर दिनांक 10 जुलाई 2021 को “जनसंख्या विस्फोट के दुष्परिणाम” विषय पर वेबिनार द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया l सदस्य, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड श्री दानिश इकबाल जी की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में वक्ता के रूप में श्री जितेन्द्र श्रीवास्तव, निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय प्रभाग, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय तथा डॉ. विशाल मिश्रा, सहायक प्रोफेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय उपस्थित रहे l श्रीमती कीर्ति दीक्षित द्वारा सरस्वती वंदना कर सत्र का शुभारम्भ किया गया।
श्री जितेन्द्र श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य के माध्यम से जनसंख्या समस्या के समाधान में देश के नागरिकों की भूमिका को सबसे अहम बताया l उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से बताया कि कैसे लगातार बढ़ती जनसंख्या सीमित प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव डालती है जिससे संसाधनों का शोषण होता है जिसका परिणाम प्राकृतिक प्रदूषण, नैतिक प्रदूषण, भूमि की अनुपजाऊता तथा संसाधनों की दुर्लभता होती है और इन सब का परिणाम होता है बेरोज़गारी, गरीबी, भुखमरी, बीमारियाँ इत्यादि। मानव एक विवेकशील प्राणी है वह अपने विवेक का इस्तेमाल कर प्रकृति का संरक्षण कर प्राकृतिक एवं मानव संसाघन दोनों की गुणवता को कायम रख सतत विकास कर सकता है। एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए जनसंख्या नियंत्रण अनिवार्य है और केवल शिक्षित नागरिक एवं मजबूत सांस्कृतिक विचारो से ही यह संभव है। सरकार द्वारा बनाई गई जनसंख्या नियंत्रण योजनायें एवं कार्यक्रम भी इसमें अहम् भूमिका निभाते है। उन्होंने बताया कि प्रधान मंत्री के न्यू इंडिया को जनसंख्या नियंत्रण के बिना पाना संभव नहीं है।
डॉ. विशाल मिश्रा ने अपने वक्तव्य में भारत की जनसंख्या के विभिन्न आकड़ों को प्रदर्शित कर उपलब्ध संसाधनों की सिमितता एवं जनसंख्या विस्फोट के दुष्परिणाम को समझाया। भारत में वर्तमान में सब से अधिक जनसंख्या युवाओं की है जिनकी जीवन गुणवता उपलब्ध संसाधनों द्वारा पूरी कर पाना बहुत कठिन है। भारत में विद्यमान साम्प्रदायिकता, अशिक्षा, सामाजिक कुरीतियाँ, जातिवाद तथा दूषित राजनीति इत्यादि जनसंख्या विस्फोट के मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुधार योजनायें, जागरूकता अभियान इत्यादि जनसंख्या वृद्धि को कम कर सकते है। श्री दानिश इकबाल ने अपने अध्यक्षीय भाषण में श्री जितेन्द्र श्रीवास्तव एवं डॉ. विशाल मिश्रा का धन्यवाद कर आभार प्रकट किया। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण के सम्बन्ध में समाज के सभी लोगों को एक साथ आकर इस पर विचार विमर्श करने तथा समाज को जागरूक करने को प्रोत्साहित किया। जनसंख्या विस्फोट राजनैतिक मुद्दा नहीं है बल्कि एक गंभीर सामाजिक मुद्दा है। इस मुद्दे पर भारत ही नहीं बल्कि पुरी दुनिया को एक वैश्विक मंच तैयार करने की आवश्यकता है। श्री दानिश इकबाल ने धार्मिक दृष्टि से भी जनसंख्या नियंत्रण पर बल दिया, क्योकि जनसंख्या नियंत्रण के बिना एक उच्च शिक्षित समाज की अवधारणा असम्भव है।
दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी श्री आर. के. मीना ने श्री दानिश इकबाल, श्री जितेन्द्र श्रीवास्तव तथा डॉ. विशाल मिश्रा व वेबिनार से जुड़े सभी श्रोताओं का धन्यवाद कर सब को विषय से संदर्भ में जागरूक होने एवं जागरूकता फ़ैलाने का आग्रह किया। अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम समापन किया गया।